युवा छात्र नेता मधेपुरा बिट्टू कुमार जी ने कहा कि महान चक्रवर्ती सम्राट अशोक जिनको अखंड राज्य कृति विश्व की धरोहर है जिनके जन्म अवसर पर बिहार सरकार ने राजकीय अवकाश धोषणा की हो जिनके चक्र और स्तंभ से देश की पहचान विदेश में होती है! उनके सिद्धांतो को अपना कर भारत ने सारे विश्व को प्रेम और बन्धुत्व का संदेश दिया था!ऐसे महान सम्राट अशोक को कलंकित करने वाले भाजपा के सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष एवं इंडियन कौंसिल फाॅर कल्चरल रिलेशन्स के उपाध्यक्ष दया प्रकाश सिन्हा को भारत सरकार ने नाटक पर उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार देकर पूरे देश और भारतीयता को अपमानित करने का काम किया है!
क्योंकि एक विवादस्पद साक्षात्कार में उन्होंने सम्राट अशोक को हत्या, शोषण, अत्याचार और छल जैसे अवगुणों में मुगल बादशाह औरंगजेब के समकक्ष बताकर घटिया मानसिकता बयान दे कर परिचय दिया है! इसकी जितना कड़े शब्दों में भर्तृसना की जाय! वह कम ही होगी! विश्व में भारत की साख को बट्टा लगा है, क्योंकि सम्राट अशोक का पशु, पक्षी, एवं पर्यावरण, पेड़ पौधों से भी प्यार करता थे । तो मनुष्य से कितना प्यार करते होंगे ,यह किसी से छुपा हुआ नहीं है! वह हमेशा जनता के सम्राट थे । कोई अहिंसावादी और प्रेममार्ग पर चलने वाला देश सोच भी नहीं सकता है! वहीं फिर बिट्टू कुमार ने कहा कि ऐसे व्यक्ति को पुस्कार अभिलंब सरकार को वापस लेना चाहिए! और यह भी आश्वासन दे कि भविष्य में कभी ऐसा भारत विरोधी और दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय नहीं लेगी! इसके साथ ही यह भी आवश्यक है!
कि ऐसे जातिवादी और विखंडनवादी व्यक्ति को इंडियन कौंसिल फाॅर कल्चरल रिलेशन्स जैसी अंतराष्ट्रीय महत्व की संस्था के उपाध्यक्ष पद से भी अभिलंब हटाया जाए! जिससे उसे सांस्कृतिक प्रदूषण से मुक्त किया जा सके! यदि ऐसा नहीं हुआ तो भारत की गिरती छवि की भरपाई कभी संम्भव नहीं हो सकेगी! ऐसे व्यक्ति पर अभिलंब सरकार एफ आई आर करें ।
टीम:- मौर्य ध्वज एक्सप्रेस
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