रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर के उद्घाटन के मौके पर पीएम मोदी ने कहा, "मैं आज जापान के तत्कालीन प्रधानमंत्री शिंजो आबे को नहीं भूल सकता । आबे जब भारत आए थे तो मेरी रुद्राक्ष के आइडिया पर मेरी उनसे लंबी चर्चा हुई थी, उन्होंने तुरंत अपने अधिकारियों से इस आइडिया पर काम करने को कहा. जिसकी बदौलत आज ये भव्य इमारत काशी की शोभा बढ़ा रही है."
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को रुद्राक्ष कंवेंशन सेंटर काशी की जनता को समर्पित कर दिया है। रुद्राक्ष कंवेंशन सेंटर भारत और जापान की दोस्ती को और मजबूती प्रदान करेगा। पूर्व जापानी पीएम शिंजो आबे ने गंगा की सौगंध लेकर बनारस में अपने मजबूत रिश्तों की सुनहरी इबारत लिखी थी। काशी और जापान की कला संस्कृति का प्रतीक रुद्राक्ष दुनिया के सामने नित नए आयाम लिखेगा।
186 करोड़ की लागत से तैयार रुद्राक्ष शिवलिंग के आकार में बनाया गया है। जापानी और भारतीय वास्तु शैलियों का संगम वाले रुद्राक्ष इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर की डिजाइन जापान की कंपनी ओरिएंटल कंसल्टेंट ग्लोबल ने तैयारी कीया है। निर्माण का काम भी जापान की ही फुजिता कॉरपोरेशन कंपनी ने किया है। यहां बड़े म्यूजिक कॉन्सर्ट, कांफ्रेंस, नाटक और प्रदर्शनियां भी लगाया गया।
186 करोड़ की लागत से तैयार रुद्राक्ष शिवलिंग के आकार में बनाया गया है। जापानी और भारतीय वास्तु शैलियों का संगम वाले रुद्राक्ष इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर की डिजाइन जापान की कंपनी ओरिएंटल कंसल्टेंट ग्लोबल ने तैयारी कीया है। निर्माण का काम भी जापान की ही फुजिता कॉरपोरेशन कंपनी ने किया है। यहां बड़े म्यूजिक कॉन्सर्ट, कांफ्रेंस, नाटक और प्रदर्शनियां भी लगाया गया।
प्रधानमंत्री मोदी आज दोपहर दो बजे रुद्राक्ष कंवेंशन सेंटर पहुंचेंगे। सेंटर पर प्रधानमंत्री एक घंटे रहेंगे। उनके साथ जापान के राजदूत सतोषी सुजुकी, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका स्वागत किया। कंवेंशन सेंटर पहुंचते ही सबसे पहले प्रधानमंत्री परिसर में एक पौधा रोपण किया । पौधरोपण के बाद उनके द्वारा रिबन काटकर सेंटर का उद्घाटन किया गया । इसके बाद प्रधानमंत्री शिलापट्ट का अनावरण कर रुद्राक्ष को देश को समर्पित कर अपना संबोधन किया । इस दौरान मुख्यमंत्री के द्वारा प्रधानमंत्री को स्मृति चिह्न भेंट किया गया ।पीएम मोदी ने कहा कि बड़े-बड़े सेमीनार के लिए वाराणासी अपने आप में आइडियल जगह है. यहां लोग रुकना चाहते हैं. ऐसे में रुद्राक्ष इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. आने वाले समय में ये सेंटर काशी की पहचान बनेगा.
■ वातानुकूलित सेंटर में एक साथ 1200 लोगों के बैठने की व्यवस्था, दो भागों में बांटने की भी सुविधा
■ बड़े हॉल के अलावा 150 लोगों की क्षमता वाला एक मीटिंग हॉल, एक वीआईपी कक्ष, चार ग्रीन रूम
■ दिव्यांगजनों की सुविधा की दृष्टि से पूरा परिसर फ्रेंडली
■ बड़े हॉल के अलावा 150 लोगों की क्षमता वाला एक मीटिंग हॉल, एक वीआईपी कक्ष, चार ग्रीन रूम
■ दिव्यांगजनों की सुविधा की दृष्टि से पूरा परिसर फ्रेंडली
■ सेंटर के बाहरी हिस्से में एल्युमिनियम के 108 सांकेतिक रुद्राक्ष लगाए गए हैं
■ तीन एकड़ में तैयार कंवेंशन सेंटर परिसर में जापानी शैली का गार्डेन व लैंडस्केपिंग
■ बेसमेंट में 120 गाड़ियों की पार्किंग की व्यवस्था, सेंटर में सीसीटीवी कैमरे भी
■ विद्युत आपूर्ति के लिए बिजली कनेक्शन के साथ-साथ सौर ऊर्जा भी
■ तीन एकड़ में तैयार कंवेंशन सेंटर परिसर में जापानी शैली का गार्डेन व लैंडस्केपिंग
■ बेसमेंट में 120 गाड़ियों की पार्किंग की व्यवस्था, सेंटर में सीसीटीवी कैमरे भी
■ विद्युत आपूर्ति के लिए बिजली कनेक्शन के साथ-साथ सौर ऊर्जा भी
■ निर्माण 10 जुलाई 2018 को आरंभ हुआ था और मार्च 2021 में तैयार
■ शिवलिंग के आकार में दिखती है ररुद्राक्ष
■ शिवलिंग के आकार में दिखती है ररुद्राक्ष
जापानी फूलों की सुगंध रुद्राक्ष में फैलेगी। जापान के खास फूल के अलावा जापानी छाते, जापानी बंबू और जापान के सजावटी सामानों से इस पूरे परिसर को सजा दिया गया है। जापान से आए खास फूलों में प्रिमूला, बाना, इकेबाना, ब्लूबेल, कैमलिया, कारनेटरसन समेत भारतीय फूलों में रजनीगंधा, गेंदा, गुलाब, बेला और अन्य तरह के सजावटी फूलों का इस्तेमाल किया गया है। पूरे परिसर को जापान और भारत के झंडों से सजाया गया है।
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समारोह के दौरान जापान के पारंपरिक खानपान को भी यहां पर शामिल किया गया । जापान में तैयार होने वाले खास तरह के सूप भी मेहमानों को परोसे गए। इनमें मीसो सूप, टोफू के अलावा जापान के नूडल्स और शोरबा को भी परोसा गया । जापानी संस्कृति के अनुरूप जापान के पारंपरिक संगीत का भी प्रदर्शन देखने को मिला ।
टीम,, मौर्य ध्वज एक्सप्रेस
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