मौर्यध्वज एक्सप्रेस :-आज यानी बुधवार को साल 2021 का पहला चंद्र ग्रहण लगने वाला है। हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि यानी बुध पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण लग रहा है।
बताया जा रहा है कि 26 मई, बुधवार को दोपहर 2 बजकर 17 मिनट से ग्रहण आरंभ हो जाएगा जो शाम 7 बजकर 19 मिनट तक रहेगा। आज लगने वाले चंद्र ग्रहण के दौरान सुपर मून की स्थिति बनेगी। जो दोपहर 1 बजकर 53 मिनट पर होगा।
दरअसल, इस समय चंद्रमा और पृथ्वी से दूरी बेहद कम हो जाएगी। चंद्रमा से मात्र 3,57,309 किलोमीटर की दूरी पर रहेगा पृथ्वी। इस स्थिति को 'पेरिगी' कहा जाता है।
चंद्र ग्रहण का प्रभाव
चंद्र ग्रहण का हिंदू धर्म में काफी महत्व है।
हालांकि, बीमार लोग या
बच्चे इस नियम से बंधे नहीं होते हैं। किसी भी ग्रहण के बाद स्नान जरूर करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि चंद्र ग्रहण के दौरान कुछ गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का भी अधिक खतरा होता है, चलिए जानते हैं-चंद्र ग्रहण के स्वास्थ्य पर प्रभाव ।
चोट का ठीक होना हो सकता है मुश्किल
भारत और अमेरिका सहित कई देशों में ऐसा माना जाता है कि चंद्र ग्रहण के दौरान लगने वाला कोई हल्का कट या चोट प्रभावित हिस्से पर जिंदगीभर के लिए निशान छोड़ सकती है। इतना ही नहीं चंद्र ग्रहण के दौरान लगने वाली चोट से खून भी ज्यादा निकलता है। इन बातों में कितनी सच्चाई है यह कहा नहीं जा सकता क्योंकि इस संबंध में अभी तक कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।
कुछ खाने-पीने से बचें
हिंदू धर्म में, लोगों का मानना है कि चंद्र ग्रहण के दौरान, लोगों को सीमित समय के लिए खाने और पीने से बचना चाहिए। यह मिथक प्राचीन काल से प्रचलित है और आज भी कायम है।
गर्भवती महिलाएं रहें होशियार
माना जाता है कि चंद्र ग्रहण के कारण गर्भवती महिलाएं सबसे अधिक प्रभावित होती हैं। चंद्र ग्रहण के दौरान, गर्भवती महिलाओं को चंद्र ग्रहण के नकारात्मक प्रभावों से बच्चे को बचाने के लिए घर के अंदर रहने के लिए कहा जाता है। उन्हें तेज वस्तुओं से दूर रहने के लिए भी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि किसी नुकीली चीज के संपर्क में आने से बच्चे का जन्म किसी फटे होंठ या जन्म के निशान के साथ हो सकता है।
यौन संबंध से बचें
ऐसा माना जाता है कि चंद्र ग्रहण के दौरान यौन संबंध बनाने से बचना चाहिए। इसका कारण यह है कि इस दौरान बनाए गए यौन संबंध से कोई बच्चा होता है, तो उसे जीवनभर कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि इस बात में कितना दम है, इस संबंध में अभी कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।
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