कोरोना वायरस की बेकाबू रफ्तार और कई राज्यों में इस संक्रमण के प्रसार की रोकथाम के लिए लगाए गए नाइट कर्फ्यू के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की. वर्चुअल माध्यम से हुई इस बैठक में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, कर्नाटक के सीएम बीएस येडियुरप्पा, नीतीश कुमार और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी शामिल हुए.
सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ हुई इस बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने टेस्ट, ट्रैकिंग और ट्रीटमेंट का मंत्र दिया. पीएम मोदी ने कहा कि आज हम जितनी ज्यादा वैक्सीन की करते हैं, इससे ज्यादा हमें टेस्टिंग पर बल देने की जरूरत है. टेस्टिंग और ट्रेकिंग की बहुत बड़ी भूमिका है. टेस्टिंग को हमें हल्के में नहीं लेना होगा.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए फिर से युद्ध स्तर पर काम करना जरूरी है. तमाम चुनौतियों के बाद भी हमारे पास पहले की अपेक्षा बेहतर अनुभव और संसाधन हैं और वैक्सीन भी हमारे पास है.
पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना से बाहर निकलने का रास्ता टेस्टिंग है. उन्होंने कहा कि हमारा टारगेट 70 फीसदी RT-PCT टेस्टिंग की है. आरटी-पीसीआर टेस्ट को बढ़ाए जाने की जरुरत है.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोरोना के मरीजों के बढ़ने पर राज्य दबाव में ना आएं. उन्होंने कहा कि कोरोना के टेस्ट सही ढंग से किए जाएं. कंटेनमेंट जोन में हर व्यक्ति की जांच हो. उन्होंने कहा कि जहां संख्या ज्यादा है वहां पर ज्यादा टेस्ट हो रहे हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि 11 अप्रैल से 14 अप्रैल तक टीका उत्सव मनाएं. उन्होंने कहा कि अभी संपूर्ण लॉकडाउन की जरूरत नहीं है. पीएम मोदी ने कहा कि कोविड-19 का एक बड़ा हिस्सा वैक्सीन मैनेजमेंट वेस्टेज को रोकना भी है.
उन्होंने कहा कि शत-प्रतिशत वैक्सीन लगाने का प्रयास हो. पीएम मोदी ने कहा कि एंबुलेंस, वेंटिलेटर और ऑक्सीजन की भी समीक्षा करनी होगी.
मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, वैक्सीनेशन के साथ साथ हमें ये भी ध्यान रखना है कि वैक्सीन लगवाने के बाद की लापरवाही न बढ़े. हमें लोगों को ये बार-बार बताना होगा कि वैक्सीन लगने के बाद भी मास्क और सावधानी जरूरी है.
उन्होंने कहा कि माइक्रो कंटेनमेंट जोन पर फोकस करना होगा. उन्होंने कहा कि 72 घंटे मे 30 कांटैक्ट ट्रेसिंग की जरूरत है. महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, पंजाब, मध्यप्रदेश और गुजरात समेत कई राज्य फ़र्स्ट वेव की पीक को भी क्रॉस कर चुके हैं. कुछ और राज्य भी इस ओर बढ़ रहे हैं. हम सबके लिए ये चिंता का विषय है. अधिकतर राज्यों में प्रशासन ही सुस्त नजर आ रहा है. ऐसे में कोविड के मामलों में अचानक बढ़ोतरी ने मुश्किलें ज्यादा पैदा की हैं.
पीएम मोदी ने कहा, हमारा प्रयास यही होना चाहिए कि इस टीका उत्सव में हम ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीनेट करें. मैं देश के युवाओं से भी आग्रह करूंगा कि आप अपने आसपास जो भी व्यक्ति 45 साल के ऊपर के हैं, उन्हें वैक्सीन लगवाने में हर संभव मदद करें.
पीएम मोदी ने कहा कि इस बार कोरोना से निपटने के पूरे इंतजाम है. उन्होंने कहा कि मास्क से लेकर वैक्सीन तक उपलब्ध है. हालांकि उन्होंने कहा कि स्थिति ज्यादा चुनौतीपूर्ण है. लेकिन आज हमारे पास संसाधन और अनुभव है.
इसके साथ ही पीएम ने कहा कि समाज के प्रभावी लोग इस अभियान में सामने आए. पीएम मोदी ने कहा कि ‘दवाई’ भी और ‘कड़ाई’ भी की जरुरत है. उन्होंने कहा कि एक ही राज्य को पूरी वैक्सीन नहीं दे सकते हैं. उन्होंने कहा कि कोरोना को लेकर जागरूकता जरूरी है. लोगों में जागरुकता अभियान चलाया जाए.
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