बैठक में जिलाधिकारी ने उपस्थित पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार के विकासात्मक एवं कल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन तय समय सीमा के अंदर करना सुनिश्चित करें। साथ ही योजनाओं का क्रियान्वयन तय मानकों के अनुरूप हो।
प्रधानमंत्री आवास योजना,ग्रामीण के समीक्षा के क्रम में उप विकास आयुक्त द्वारा बताया गया कि तय लक्ष्य के विरुद्ध आवासों की पूर्णता का प्रतिशत 67.60 है जो कि संतोषजनक नहीं है। इसमें मुरौल,बन्दरा, पारु ,मड़वनऔर कटरा का प्रदर्शन औसत से कम होने पर जिलाधिकारी द्वारा संबंधित प्रखंड विकास पदाधिकारियों को फटकार लगाई गई एवं लक्ष्य के विरुद्ध प्रदर्शन में अपेक्षित सुधार का निर्देश उनके द्वारा दिया गया।
सभी प्रखंड विकास अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण को लेकर किए जा रहे कार्यों का सतत अनुश्रवण करना सुनिश्चित करें। बैठक में शौचालय निर्माण में बकाये का भुगतान एवं सामुदायिक शौचालय निर्माण की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की गई एवं इस संबंध में आवश्यक निर्देश जिलाधिकारी के द्वारा दिए गए।
आंतरिक संसाधन के समीक्षा के क्रम में बताया गया कि निबंधन विभाग में 264 करोड़ के लक्ष्य के विरुद्ध राजस्व की प्राप्ति 225 करोड़ है जो कि लक्ष्य का 86% है।
वही परिवहन विभाग द्वारा बताया गया की वार्षिक लक्ष्य के विरुद्ध कुल उपलब्धि 75. 40% है जबकि खनन विभाग के द्वारा 101% ,वन विभाग के द्वारा 159% नगर नगर निगम के द्वारा 55. 78% उपलब्धि बताया गया। जबकि कृषि विभाग द्वारा 174% उपलब्धि बताया गया।
online mutation के समीक्षा के क्रम क्रम में बताया गया कि कुढ़नी का 87.48% और सकरा 87.44% के साथ संतोषजनक स्थिति में है जबकि कांटी, मुशहरी,सरैया मड़वन को गति बढ़ाने की आवश्यकता है। निर्देश दिया गया कि सभी अंचलाधिकारी इस माह के अंत तक 85% से अधिक आवेदनों का निष्पादन करना सुनिश्चित करें।
वही भू लगान वसूली की समीक्षा के क्रम में पाया गया कि गायघाट, मोतीपुर, मीनापुर , साहेबगंजकी स्थिति संतोषजनक नहीं है। सबसे दयनीय स्थिति 14% के साथ गायघाट की है जबकि मीनापुर 19.84 प्रतिशत, मोतीपुर15. 9 प्रतिशत का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं पाया गया जबकि 56%के साथ बन्दरा प्रथम स्थान पर है।
जिलाधिकारी ने सभी अधिकारियों को सख्त निर्देश दिया कि भू लगान वसूली को गंभीरता पूर्वक ले।इसमें किसी भी तरह की कोताही को संज्ञान में लेते हुए सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने संबंधित डीसीएलआर को सतत अनुश्रवण करने का निर्देश दिया।
अतिक्रमण के समीक्षा के क्रम में पाया गया कि बहुत सारे विद्यालय विभिन्न प्रखंडों में अतिक्रमित हैं। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि संबंधित विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों के द्वारा उपलब्ध कराए गए आवेदन के आलोक में प्राथमिकता के साथ विद्यालयों को अतिक्रमण मुक्त कराना सुनिश्चित करें। वही जो जल निकाय अतिक्रमण मुक्त नहीं हो सके हैं उसे अप्रैल के अंत तक हर हाल में अतिक्रमण मुक्त करने का निर्देश संबंधित सीओ को दिया गया।
बैठक में इसके अतिरिक्त ऑपरेशन दखल दिहानी, भू हदबंदी, अभियान बसेरा ,लोक शिकायत निवारण अधिनियम इत्यादि की भी समीक्षा की गई।
संवाददाता, प्रेमशंकर
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें