मुजफ्फरपुर , दिनांक 15 जनवरी 2021 को भूकंप सुरक्षा सप्ताह 2021 के अंतर्गत प्रथम दिवस श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल मुजफ्फरपुर में स्थित पीकू वार्ड में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण मुजफ्फरपुर एवं जिला अग्निशमन कार्यालय, मुजफ्फरपुर के संयुक्त तत्वाधान में भूकंप व अग्निकांड बहु आपदा आधारित मॉक ड्रिल एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया । इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में एसकेएमसीएच के डॉक्टरों, जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ, सिक्योरिटी गार्ड, सफाई कर्मचारी तथा सुपरवाइजरों को भूकंप व अस्पतालों मे आगलगी से बचाव के विविध पहलुओं पर प्रशिक्षित किया गया।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का आरंभ 1934 में मुंगेर में आए भूकंप में मारे गए 11,000 से अधिक लोगों की स्मृति करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी गई ।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉक्टर विकास कुमार, प्रधानाध्यापक-सह- सुपरिटेंडेंट, एसकेएमसीएच, मुजफ्फरपुर ने कहा कि महाराष्ट्र के शिशु वार्ड में हाल ही में घटित घटना निश्चित रूप से हृदय विदारक है । तथा इस घटना से सबक लेते हुए, हम सभी को अभी से तैयार रहने की जरूरत है। हम सभी जानते हैं कि हमारा जिला भूकंप के प्रति अति संवेदनशील जिलों की श्रेणी में आता है । अतः हम सभी को भूकंप व आगलगी जैसी आकस्मिक घटित होने वाली आपदाओं से सचेत रहने की जरूरत है। भूकंप एक व्यापक आपदा है तथा इसके इसके प्रभावों के न्यूनीकरण के लिए योजनाबद्ध रूप से कार्य करने की आवश्यकता है। भूकंप व अन्य आपदाओं की पूर्व तैयारी के लिए आने वाले समय में एसकेएमसीएच व जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण मुजफ्फरपुर मिलकर यहां आने वाले मरीजों व चिकित्सकों को सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराने के लिए मिलकर काम करेंगे तथा शीघ्र ही एसकेएमसीएच की आपदा प्रबंधन योजना का निर्माण किया जायेगा तथा आगलगी से बचाव के लिए सेफ्टी ऑडिट कराया जाएगा । प्रत्येक माह आपदा प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं पर चिकित्सकों व पैरामेडिकल स्टाफ का क्षमतावर्द्धन प्रशिक्षण व माकड्रिल आयोजित किया जायेगा।
माकड्रिल कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री मोहम्मद साकिब खान, कंसलटेंट/डीएम प्रोफेशनल, जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, मुजफ्फरपुर ने कहा कि भूकंप एक ऐसी आपदा है जिसका पूर्वानुमान सटीक ढंग से नहीं किया जा सकता है इससे ना केवल संरचनात्मक क्षति पहुंचती है बल्कि लंबे समय तक मनोविकार की समस्या बनी रहती है । भूकंप के घटित होने पर अन्य आपदाओं में भी इसके परिवर्तित होने की संभावना होती है। अतः भूकंप के प्रभाव को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है, इससे निपटने के लिए हमसबको सजग रहना जरूरी है। भूकंप से बचाव के लिए केवल भूकंपरोधी भवन या घर बना देना ही काफी नहीं है, क्योंकि भूकंप में गैर संरचनात्मक खतरे भी व्यापक प्रभाव डालते हैं। अत: भूकंपजनित सभी खतरों से बचने की विधियों के बारे में भी हम सबको जागरूक होना पड़ेगा। श्री साकिब द्वारा भूकंप के बारे में प्रशिक्षुओं को विस्तृत रूप से जानकारी दी गई तथा भूकंप के प्रभाव के न्यूनीकरण के उपायों व आवश्यक सावधानियों के बारे में भी बताया गया।
जिला अग्निशमन कार्यालय मुजफ्फरपुर से प्रशिक्षक फायरमैन श्री राहुल सक्सेना ने आग लगने के कारणों, आग के प्रकार व अस्पताल में आग जोखिमों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उनके द्वारा ऊंची इमारतों से रेस्क्यू तकनीक, फायर हाइड्रेंट का संचालन, अग्निशामक यंत्र का संचालन, अग्निशमन के विभिन्न तरीकों व अस्पतालों में अग्निशमन के उपायों के बारे में सभी प्रशिक्षुओं को विस्तृत रूप से जानकारी दी गयी।
जिला अग्निशमन कार्यालय, मुजफ्फरपुर की टीम ने मॉकड्रिल करके भूकंप तथा आग लगी में राहत एवं बचाव कार्य करने की विधियों के बारे में उपस्थित लोगों को प्रशिक्षित किया।
इस अवसर पर प्रमोद कुमार, सब इंस्पेक्टर, जिला अग्निशमन कार्यालय, मुजफ्फरपुर ने कहा की छोटी आग बड़ी आग में परिवर्तित हो सकती है यदि प्राथमिक रूप से ही अग्निशमन कर दिया जाए तो जानमाल के नुकसान से बचा जा सकता है। अस्पतालों में सभी चिकित्सकों पैरामेडिकल स्टाफ चौथा अन्य संबंधित स्टाफ का अग्निकांड से निपटने में प्रशिक्षित होना अत्यंत आवश्यक है।
इस अवसर पर संजय कुमार अस्पताल प्रबंधक, डॉक्टर शैलेंद्र कुमार, डॉ सतीश कुमार सिंह, डॉ गोपाल शंकर सैनी, डॉ विजय कुमार सिंह, डॉक्टर भगवान दास, फायरमैन संतोष कुमार, फायरमैन नीतीश कुमार के साथ जूनियर रेजीडेंट डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ तथा अन्य कर्मी उपस्थित थे।
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