आंतरिक परिवाद समिति सदस्य सह कौंसिल मेंबर स्नातकोत्तर विज्ञान संकाय भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय मधेपुरा के बिट्टू कुमार की अध्यक्षता में मनाया गया। इस मौके पर आंतरिक परिवाद समिति सदस्य सह कौंसिल मेंबर स्नातकोत्तर विज्ञान संकाय बिट्टू कुमार ने कहा की - नेताजी सुभाष चंद्र बोस का नारा था, तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा। जो उस समय अत्यधिक प्रचलन में आया। भारत के स्वतंत्रता संग्राम के आदरणीय नेता , नेताजी थे। द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान अंग्रेजो के खिलाफ लड़ने के लिए उन्होंने जापान के सहयोग से आजाद हिंद फौज का गठन किया। उनके द्वारा दिया गया , "जय हिंद" का नारा भारत का राष्ट्रीय नारा बन गया। नेताजी की 5 जुलाई 1943 को सिंगापुर के टाउन हॉल के सामने सुप्रीमो कमांडर के रूप में सेना को संबोधित करते हुए दिल्ली चलो का नारा दिया। नेताजी सुभाष चंद्र बोस सर्वकालिक नेता थे, कल भी थी, आज भी है और आने वाले पीढ़ी को भी होगी। वह ऐसे वीर सैनिक थे, इतिहास जिन की गाथा गाता रहेगा उनके विचार, कर्म और आदर्श अपनाकर राष्ट्र वह सब कुछ कर सकता है, जिसका वह हकदार है। नेता जी का कथन था - " मुझे यह नहीं मालूम कि स्वतंत्रता के इस युद्ध में, हम में से कौन - कौन जीवित बचेंगे, परंतु मैं यह जानता हूं कि अंत में विजई हमारी ही होगी। यह हमारा कर्तव्य है कि हम अपनी स्वतंत्रता का मोल खून से चुकाएं ।"
इसी मौके पर भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के वाणिज्य संकाय के विभागीय परिषद सदस्य - प्रभु कुमार ने कहा, नेताजी सुभाष चंद्र बोस सुंदरता समर के अमर सेनानी, मां भारती के सच्चे सपूत थे। नेताजी भारतीय स्वाधीनता संग्राम के उन्हें योद्धाओं में से एक थे, जिनका नाम और जीवन आज भी करोड़ों देशवासियों को मातृभूमि के लिए समर्पित होकर कार्य करने की प्रेरणा देता है। उनमें नेतृत्व के चमत्कारिक गुण थे। जिनके बल पर उन्होंने आजाद हिंद फौज की कमान संभाल कर अंग्रेजों को भारत से निकाल बाहर करने के लिए एक मजबूत सशस्त्र प्रतिरोध खड़ा करने में सफलता हासिल की। नेताजी के द्वारा कहे गए कथन - " एक ही इच्छा होनी चाहिए, मरने की इच्छा ताकि भारत जी सके।" उन्होंने यह भी कहा - " मेरे पास एक लक्ष है, जिसे मुझे हर हाल में पूरा करना है। मेरा जन्म उसी के लिए हुआ है । मुझे नैतिक विचारों की धारा में ही बहना है। "
वही टी पी कॉलेज के हिंदी विभाग के युवा छात्र नेता अभिषेक कुमार उर्फ मंटू यादव ने कहा - राष्ट्रवाद मानव जाति के उच्चतम आदर्श सत्य , शिव और सुंदर से प्रेरित है ।
इसी मौके पर स्नातकोत्तर वाणिज्य विभाग के प्रसन्न मुकीम ने कहा - "संघर्ष ने मुझे मनुष्य बनाया। मुझमें आत्मविश्वास उत्पन्न हुआ, जो पहले मुझ में नहीं था। " को दोहराया ।
इस मौके पर उपस्थित भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के वाणिज्य संकाय के काउंसिल मेंबर - प्रभु कुमार, प्रसन्न मुकीम, प्रमोद कुमार उर्फ बबलू कुशवाहा, अमित आनंद, जवाहर पासवान जी , माधव कुमार, अभिषेक उर्फ मंटू यादव, राहुल कुमार, मिथिलेश,राजा रौनक, सुमन मेहता, नीतीश ,बृजेश ,शशिकांत ,नवीन ,भूषण मेहता, लक्ष्मण कुमार यादव जंतु विज्ञान के शोधार्थी एवं विपिन कुमार आदि मौजूद थे ।
संवाददाता, प्रेमशंकर
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