मुजफ्फरपुर ..........................
दिनांक- 07 - 12 - 2020 को बाल संरक्षण इकाई मुजफ्फरपुर के तत्वाधान में समाहरणालय सभागार में ’’बाल तस्करी को रोकने एवं संकटग्रस्त बच्चों के परिवारों को सरकारी योजना का लाभ दिलाने हेतु’’ ऑनलाइन उन्मुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।विदित हो कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग, नई दिल्ली ने राज्य में बच्चों की सुरक्षा एवं संरक्षण पर एक व्यापक कार्य योजना शुरू की है।
बचपन बचाओ आंदोलन के सहयोग से इस अनूठी कार्य योजना को जिलावार जमीन पर उतारा जाएगा। इसके प्रथम चरण में गांव स्तर पर ‘भेद्यता मैपिंग/मानचित्रण’ प्रक्रिया के माध्यम से ना सिर्फ वैसे बच्चों की पहचान की जाएगी जो तस्करी के शिकार हो सकते हैं या बाल श्रम में धकेले जा सकते हैं । बल्कि बच्चे के पूरे परिवार की पहचान कर उसे विभिन्न सरकारी कल्याणकारी सामाजिक योजनाओं से जोड़ने का प्रयास भी किया जाएगा।
आज इस कड़ी में मुजफ्फरपुर जिले में वर्चुअल उन्मुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिला प्रशासन के द्वारा आयोजित कार्यशाला में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष, प्रियांक कानूनगो, वरिष्ठ तकनीकी विशेषज्ञ-परेश शाह, सदस्य सचिव-रूपाली बनर्जी सिंह, बचपन बचाओ आंदोलन के कार्यकारी निदेशक धनंजय टिंगल, बिहार राज्य संयोजक-मुख्तार उल हक, बिहार राज्य समन्वयक-मनोज कुमार के अलावा मुजफ्फरपुर के जिलाधिकारी-डाॅ॰ चन्द्रशेखर सिंह, सहायक निदेशक, जिला बाल संरक्षण इकाई, मुजफ्फरपुर-श्री उदय कुमार झा, जिला शिक्षा पदाधिकारी मो०सलाम अंसारी,जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (आई॰सी॰डी॰एस॰), मुजफ्फरपुर, श्रम अधीक्षक, बाल संरक्षण पदाधिकारी-श्री चन्द्रदीप कुमार समेत जिले के तमाम पदाधिकारी और किशोर न्याय परिषद् तथा बाल कल्याण समिति, मुजफ्फरपुर उपस्थित थे।
जिलाधिकारी महोदय द्वारा स्वागत भाषण देते हुए बाल तस्करी रोकने एवं बाल संरक्षण के क्षेत्र में जिला प्रशासन, मुजफ्फरपुर द्वारा प्राप्त की गयी उपलब्धियों के बारे में विस्तार से बताया गया जिस पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा हर्ष व्यक्त किया गया। उन्होंने कहा कि जिले में बाल तस्करी को रोकने और उससे जुड़े अति संवेदनशील परिस्थिति में रहने वाले बच्चों को चिन्हित कर परिवारों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के लिये जिला प्रशासन पूरी गंभीरता के साथ कार्य करेगा ।
।पुनः श्री उदय कुमार झा,सहायक निदेशक, जिला बाल संरक्षण इकाई, मुजफ्फरपुर द्वारा बाल श्रमिकों को कौशल विकास केन्द्र में मुफ्त व्यवसायिक प्रशिक्षण देने हेतु किये जा रहे कार्यों के साथ जिला बाल संरक्षण इकाई, मुजफ्फरपुर द्वारा संचालित योजनाओं एवं गृहों/संस्थानों के बारे में बताया गया।
बचपन बचाओ आंदोलन के बिहार राज्य संयोजक-मुख्तार उल हक द्वारा जिला प्रशासन के द्वारा बाल तस्करी को रोकने के निमित्त किए गए कार्याें की प्रशंसा करते हुए हरसंभव मदद करने का आश्वासन दिया गया।
उन्मुखीकरण कार्यक्रम में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के द्वारा कार्यशाला में उपस्थित जिले के अधिकारियों को तस्करी से संभावित बच्चों और उनके परिवार की पहचान करने की जानकारी दी गई। इस पूरे काम में बचपन बचाओ आंदोलन के कार्यकर्ता और पदाधिकारी द्वारा जिला प्रशासन से समन्वय स्थापित करते हुए गांव स्तर पर बाल श्रमिक एवं उनके परिवारों का सर्वेक्षण कर विहित प्रपत्र में प्रतिवेदन तैयार किया जायेगा। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा निर्धारित प्रपत्र में बच्चे और उनके परिवार से जुड़ी तमाम तरह की जानकारी इकट्ठा की जाएगी और फिर उसके आधार पर बच्चे और उसके परिवार को नियमानुसार सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाया जाएगा। अपनी तरह के इस अनूठे पहल से बाल तस्करी पर ना सिर्फ पूरी तरह से रोक लगेगी बल्कि बालमित्र समाज बनाने की संकल्पना भी साकार होगी। गौरतलब है कि बिहार बाल तस्करी के मामले में एक सोर्स स्टेट के रूप में जाना जाता है। कोरोना संक्रमण के दौर में जब बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर वापस लौटे हैं और जो आर्थिक एवं सामाजिक परिस्थितियां उत्पन्न हुई है वैसे में प्रदेश से बच्चों की तस्करी की आशंका बढ़ गई है। ऐसी स्थिति में बाल तस्करी के मूल में प्रहार करने की राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग और जिला प्रशासन का यह संयुक्त प्रयास प्रदेश को बाल श्रम और बाल तस्करी से मुक्त प्रदेश बनाने में मील का पत्थर साबित होगा।
अंत में वरिष्ठ तकनीकी विशेषज्ञ-परेश शाह के धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम के समाप्ति की घोषणा की गयी।
मौर्य ध्वज एक्सप्रेस
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