मीनापुर प्रखंड में आई प्रलयकारी बाढ़ की विभीषिका से त्रस्ट जिंदगी और मौत से जूझ रहे बाढ़ पीड़ितो को सरकार राहत सामग्री एवं बाढ़ राहत देय राशि मुहैया कराने हेतु कटिबद्ध है , लेकिन आपके अधीनस्थ पदाधिकारी इसमें मनमानी कर सरकार को बदनाम करने पर तुले हुये है!
2020 में बनी सूची के वजाए 2017 में बनी बाढ़ पीड़ितों की सूची के अनुसार भुगतान कर रही है जो सरासर ग़लत व बाढ़ पीड़ितों के साथ अन्याय है !
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महोदय , 2017 और 2020 में 4 वर्षों का अंतर ( गैप ) है ! इन चार वर्षो में कितने लोगों की मृत्यु हो गई, कितने लोगों के पासबुक बंद हो गए अथवा बदल गए , कितने लोगों की शादियां हुईं तत्पश्चात परिवार में विभाजन हुए और वे अलग अलग हो गए , कितनी महिलाएं विधवा हो गई जिनके पति के नाम पर पासबुक था ,
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कितने लोगों का नाम छूट गया या फिर आपसी विवाद के कारण जानबूझकर अधिकतर लोगों का नाम छोड़ दिया गया ! वैसे तमाम लोग सरकारी लाभ से बंचित किए जा रहें हैं !
कितने लोगों का नाम छूट गया या फिर आपसी विवाद के कारण जानबूझकर अधिकतर लोगों का नाम छोड़ दिया गया ! वैसे तमाम लोग सरकारी लाभ से बंचित किए जा रहें हैं !
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महोदय ,अंचलाधिकारी मीनापुर के पत्रांक-797 दिनांक 8 - 8 - 2020 के द्वारा निर्देशित ( प्रकाशित ) पत्र के अनुसार - पंचायत राहत अनुश्रवण - सह - निगरानी समिति के द्वारा प्रस्तुत सूची के अनुसार देय राशि का भुगतान कराया जाना था जो नहीं किया जा रहा है ! ज्ञातब्य है कि 2020 की सूची अंचलाधिकारी मीनापुर के आदेशानुसार है बनाया गया है !
महोदय , आपसे सादर अनुरोध है कि आप तक्षण पूरे प्रकरण को अपने स्तर से निरीक्षण कर बाढ़ पीड़ित की गंभीर हालात को देखते हुए 2020 में बनाए गए सूची के अनुसार बाढ़ राहत राशि को भुगतान करने का आदेश निर्गत किया जाए !
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क्योंकि अधिकांश पीड़ित बंचितो के बीच सरकार और प्रशाशन के विरोध में आक्रोश बढ़ता जा रहा है ! सादर सहित !
क्योंकि अधिकांश पीड़ित बंचितो के बीच सरकार और प्रशाशन के विरोध में आक्रोश बढ़ता जा रहा है ! सादर सहित !
प्रेषक : विनोद कुशवाहा , पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष ,जदयू ।
संवाददाता : - नीतीश कुमार
( मीनापुर ,मुजफ्फरपुर )
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