मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा उद्घाटित प्रखंड के रामापुर महेशपुर पंचायत स्थित जल जीवन हरियाली पोखर के सौन्दर्यीकरण के नाम पर पंचायत समिति के योजना में करीब 54 लाख रुपये की फर्जी निकासी कार्यालय के कर्मी द्वारा किये जाने का मामला प्रकाश में आया है. उक्त पोखर के सौंदर्यीकरण के लिए लगभग 3 करोड़ की लागत से दो दर्जन योजना चलाया गया था. इसमें पंचायत समिति के योजना में गलत योजना को इंट्री करके राशि निकासी किये जाने का मामला सामने आया है. ।
एक ही जगह पर नाम बदल कर एक योजना के जगह पर 6 योजना को इंट्री कर लाखों रुपये का निकासी किया गया ह. 12 लाख रुपये की लागत से पोखर के भिंडा का सौन्दर्यीकरण का कार्य कराया गया. दूसरा कार्य उसी जगह पर पोखर के चारो भिंडा का समतलीकरण कार्य 10 लाख रुपये की लागत से कराया गया. वहीं तीसरा कार्य पोखर के चारों भिंडा पर वृक्षारोपण के लिए मिट्टीकरण का कार्य 6 लाख रुपये से कराया गया. चौथा कार्य 26 लाख रुपये की लागत से पोखर उड़ाही कार्य कराया गया. इस काम को मजदूर से कराया जाना था लेकिन मनरेगा कर्मियों के सामने एक दिन में ही जेसीबी से कराकर योजना को पूरा कर दिया गया. पोखर से निकले सारे मिट्टी पोखर के भिंडा पर डाल दिया गया. उसी भिंडा पर आधे दर्जन काम नाम बदलकर कुल करीब 54 लाख रू० फर्जी तरीके से निकालकर कर्मी, अधिकारी,जेई आदि के बीच बंदरबांट कर लिया गया.
आश्चर्य की बात है कि पंचायत समिति के इस योजना को पंचायत समिति सदस्य से बिना आदेश फलक लिए योजना चला दिया गया एवं इसे शुरू करने से पहले समिति सदस्य को जानकारी देना तक मुनासिब नहीं समझा गया. मनरेगा एक्ट के तहत इन सभी योजनाओं को जॉब कार्डधारी मजदूरों से कराने का प्रावधान है लेकिन पोखर का सभी कार्य मजदूरों से कम जेसीबी, ट्रेक्टर आदि मशीन से ज्यादा कराया गया. पोखर के सभी कार्य को मात्र एक माह के अंदर पूर्ण कर दिया गया. इसका उद्घाटन 13 दिसंबर 2018 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा किया गया था.।
बिचौलिया एवं मनरेगा कर्मियों के द्वारा कागज पर आज तक अपने चहेते जॉबकार्डधारियों के नाम पर नाजायज राशि का निकासी किया जा रहा है. पंचायत समिति सदस्य राम किशोर शुक्ला के अनुसार पोखर सौन्दर्यीकरण के लिए चलाए गये योजना के लिए उनसे आदेश तक नहीं लिया गया था.।
भाकपा माले के प्रखंड सचिव सुरेन्द्र प्रसाद सिंह ने इस संबंध में जिलाधिकारी को पत्र देकर उक्त तमाम योजनाओं की जांच स्वयं जिलाधिकारी के नेतृत्व में करने एवं दोषियों पर एफआईआर दर्ज कर जेल भेजने अन्यथा आंदोलन चलाने की घोषणा की है. उन्होंने कहा है कि इस संबंध में जिलाधिकारी से समय लेकर प्रतिनिधिमण्डल उनसे मिलकर विस्तारपूर्वक जानकारी देकर ठोस कारबाई की मांग करेगी ताकि भविष्य में मजदूरों के इस योजना को लूटने वालों को सबक मिल सके. ।
संवाददाता, राधे कुमार ,
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