एईएस/चमकी बुखार से सर्वाधिक प्रभावित पांच प्रखंडों में सर्वेक्षित 553 परिवारों एवं सभी योग्य परिवारों को सरकारी योजनाओं से आच्छादित किए जाने के मद्देनजर महत्वपूर्ण बैठक आहूत की गई जिसकी अध्यक्षता जिलाधिकारी मुजफ्फरपुर डॉ०चंद्रशेखर सिंह ने की ।उन्होंने संबंधित विभागों के पदाधिकारियों से उक्त पांच प्रखंडों- मोतीपुर, बोचहां,मुशहरी ,मीनापुर और कांटी में सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा के क्रम में महत्वपूर्ण निर्देश दिया । खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ,समाज कल्याण विभाग, शिक्षा विभाग ग्रामीण विकास विभाग,स्वास्थ्य विभाग, शौचालय निर्माण एवं आवास योजना से संबंधित अभी तक कराए गए कार्यों /उपलब्धि से संबंधित लिखित प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया।
बैठक में जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि उक्त पांच प्रखंडों में सर्वेक्षित 553 परिवारों में से 134 परिवारों की सूची प्राप्त हुई इनमें से 129 अनामांकित बच्चे नामांकन योग्य पाए गए और 129 बच्चों का विद्यालय में नामांकन करा लिया गया है। जिलाधिकारी ने डीईओ को निर्देश दिया कि वे सभी बच्चे जिनका नामांकन स्कूलों में कराया गया है लॉक डाउन से पूर्व उन बच्चों के द्वारा नियमित रूप से विद्यालयों के अपनी उपस्थिति सुनिश्चित की गई है इस आशय का लिखित प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया। वही शौचालय निर्माण के समीक्षा के क्रम में डिस्टिक कोऑर्डिनेटर द्वारा बताया गया के सर्वेक्षक 553 परिवारों में से 281 परिवार शौचालय -विहीन पाए गए इनमें से 209 परिवारों में शौचालय का निर्माण करा दिया गया है ।32 परिवार में शौचालय निर्माण की प्रक्रिया चल रही है। जिन्होंने शौचालय का निर्माण करा लिया है उनमें से 187 को प्रोत्साहन राशि दी गई है।जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि शेष बचे परिवारों को प्रोत्साहन राशि का भुगतान शीघ्र करना सुनिश्चित करें । वही आईसीडीएस के समीक्षा के क्रम में बताया गया कि सर्वेक्षक परिवार 553 में 178 बच्चे ऐसे थे जिनका किसी आंगनवाड़ी केंद्र में नामांकन नहीं किया गया था इनमें से 161 बच्चे का नामांकन केंद्रों में करा दिया गया है । शेष का नामांकन नहीं होने से संबंधित कारणों का लिखित प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया ।डीपीओ द्वारा यह भी बताया गया कि एईएस से सर्वाधिक प्रभावित पांच प्रखंडों में 303 नए आंगनवाड़ी केंद्र स्वीकृत हुए हैं ।जिसके विरुद्ध 198 सेविकाओं का चयन कर लिया गया है और 105 चयन हेतु लंबित है।. जिलाधिकारी द्वारा निर्देश दिया गया सभी 303 स्वीकृत केंद्रों का प्रखंड वार ब्रेकअप प्रतिवेदन के रूप में उपलब्ध कराएं अगर चयन नहीं होने के कारण केंद्र का संचालन बाधित है तो उसे बगल के केंद्र से टैग कराना सुनिश्चित करें ।जिलाधिकारी द्वारा उप विकास आयुक्त को निर्देशित किया गया कि जिन परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना की प्रतीक्षा सूची में नाम सम्मिलित नहीं होने के कारण आवास योजना का लाभ अब तक नहीं दिया जा सका है उसके संबंध में शीघ्र प्रक्रिया पूर्ण करते हुए आवास योजना का लाभ दिया जाए। मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत भी इन्हें आच्छादित किया जा सकता है ।साथ ही निर्देश दिया गया कि प्रभावित परिवारों को आवास उपलब्धता संबंधित स्पष्ट प्रतिवेदन 1 सप्ताह के अंदर उपलब्ध कराया जाए । साथ ही मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना का लाभ देने हेतु आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करें। वहीं स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा के क्रम में निर्देश दिया गया कि लक्षित बच्चों को जो टीकाकरण कराया गया है उसका जांच कर प्रतिवेदन उपलब्ध कराएं। बैठक में बताया गया कि इन पांच प्रखंडों के 102 पंचायतों में 1436 वार्डो में नल -जल का कार्य कराया जाना था जिनमें से 1427 वार्ड में कार्य प्रगति पर है। जबकि 11 वार्ड में अब तक कार्य प्रारंभ नहीं हो सका है। इसे 1 सप्ताह के अंदर प्रारंभ करा दिया जाएगा। 986 वार्ड में कार्य पूर्ण है।वही पीएचईडी द्वारा जानकारी दी गई कि 5 प्रखंडों में 23 पंचायतों में 262 वार्ड में कार्य कराया जा रहा है जिनमें से 341 वार्ड में कार्य पूर्ण हो गया है। 20 वार्ड में कार्य पूर्ण होना ।उन्हें निर्देश दिया गया कि उन पंचायतों में लाभुकों की सूची सहित पूर्ण विवरण जिला पंचायती कार्यालय को उपलब्ध कराया जाए। इसके अतिरिक्त खाद्य उपभोक्ता संरक्षण विभाग की भी समीक्षा की गई। जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिया इन सभी विभागों द्वारा जो कार्य कराए जाने थे और जो कार्य किए गए हैं उनका लिखित अनुपालन प्रतिवेदन एक सप्ताह के अंदर उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें ।सरकार द्वारा दिए गए उत्तरदायित्व का निर्वहन गंभीरतापूर्वक करें। लापरवाही एवं कोताही बरतने पर कार्रवाई की जाएगी ।बैठक में उप विकास आयुक्त उज्जवल कुमार सिंह, जिला पंचायती राज पदाधिकारी ,अनुमंडल पदाधिकारी पूरी पूर्वी सहित सभी जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि उक्त पांच प्रखंडों में सर्वेक्षित 553 परिवारों में से 134 परिवारों की सूची प्राप्त हुई इनमें से 129 अनामांकित बच्चे नामांकन योग्य पाए गए और 129 बच्चों का विद्यालय में नामांकन करा लिया गया है। जिलाधिकारी ने डीईओ को निर्देश दिया कि वे सभी बच्चे जिनका नामांकन स्कूलों में कराया गया है लॉक डाउन से पूर्व उन बच्चों के द्वारा नियमित रूप से विद्यालयों के अपनी उपस्थिति सुनिश्चित की गई है इस आशय का लिखित प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया। वही शौचालय निर्माण के समीक्षा के क्रम में डिस्टिक कोऑर्डिनेटर द्वारा बताया गया के सर्वेक्षक 553 परिवारों में से 281 परिवार शौचालय -विहीन पाए गए इनमें से 209 परिवारों में शौचालय का निर्माण करा दिया गया है ।32 परिवार में शौचालय निर्माण की प्रक्रिया चल रही है। जिन्होंने शौचालय का निर्माण करा लिया है उनमें से 187 को प्रोत्साहन राशि दी गई है।जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि शेष बचे परिवारों को प्रोत्साहन राशि का भुगतान शीघ्र करना सुनिश्चित करें । वही आईसीडीएस के समीक्षा के क्रम में बताया गया कि सर्वेक्षक परिवार 553 में 178 बच्चे ऐसे थे जिनका किसी आंगनवाड़ी केंद्र में नामांकन नहीं किया गया था इनमें से 161 बच्चे का नामांकन केंद्रों में करा दिया गया है । शेष का नामांकन नहीं होने से संबंधित कारणों का लिखित प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया ।डीपीओ द्वारा यह भी बताया गया कि एईएस से सर्वाधिक प्रभावित पांच प्रखंडों में 303 नए आंगनवाड़ी केंद्र स्वीकृत हुए हैं ।जिसके विरुद्ध 198 सेविकाओं का चयन कर लिया गया है और 105 चयन हेतु लंबित है।. जिलाधिकारी द्वारा निर्देश दिया गया सभी 303 स्वीकृत केंद्रों का प्रखंड वार ब्रेकअप प्रतिवेदन के रूप में उपलब्ध कराएं अगर चयन नहीं होने के कारण केंद्र का संचालन बाधित है तो उसे बगल के केंद्र से टैग कराना सुनिश्चित करें ।जिलाधिकारी द्वारा उप विकास आयुक्त को निर्देशित किया गया कि जिन परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना की प्रतीक्षा सूची में नाम सम्मिलित नहीं होने के कारण आवास योजना का लाभ अब तक नहीं दिया जा सका है उसके संबंध में शीघ्र प्रक्रिया पूर्ण करते हुए आवास योजना का लाभ दिया जाए। मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत भी इन्हें आच्छादित किया जा सकता है ।साथ ही निर्देश दिया गया कि प्रभावित परिवारों को आवास उपलब्धता संबंधित स्पष्ट प्रतिवेदन 1 सप्ताह के अंदर उपलब्ध कराया जाए । साथ ही मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना का लाभ देने हेतु आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करें। वहीं स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा के क्रम में निर्देश दिया गया कि लक्षित बच्चों को जो टीकाकरण कराया गया है उसका जांच कर प्रतिवेदन उपलब्ध कराएं। बैठक में बताया गया कि इन पांच प्रखंडों के 102 पंचायतों में 1436 वार्डो में नल -जल का कार्य कराया जाना था जिनमें से 1427 वार्ड में कार्य प्रगति पर है। जबकि 11 वार्ड में अब तक कार्य प्रारंभ नहीं हो सका है। इसे 1 सप्ताह के अंदर प्रारंभ करा दिया जाएगा। 986 वार्ड में कार्य पूर्ण है।वही पीएचईडी द्वारा जानकारी दी गई कि 5 प्रखंडों में 23 पंचायतों में 262 वार्ड में कार्य कराया जा रहा है जिनमें से 341 वार्ड में कार्य पूर्ण हो गया है। 20 वार्ड में कार्य पूर्ण होना ।उन्हें निर्देश दिया गया कि उन पंचायतों में लाभुकों की सूची सहित पूर्ण विवरण जिला पंचायती कार्यालय को उपलब्ध कराया जाए। इसके अतिरिक्त खाद्य उपभोक्ता संरक्षण विभाग की भी समीक्षा की गई। जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिया इन सभी विभागों द्वारा जो कार्य कराए जाने थे और जो कार्य किए गए हैं उनका लिखित अनुपालन प्रतिवेदन एक सप्ताह के अंदर उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें ।सरकार द्वारा दिए गए उत्तरदायित्व का निर्वहन गंभीरतापूर्वक करें। लापरवाही एवं कोताही बरतने पर कार्रवाई की जाएगी ।बैठक में उप विकास आयुक्त उज्जवल कुमार सिंह, जिला पंचायती राज पदाधिकारी ,अनुमंडल पदाधिकारी पूरी पूर्वी सहित सभी जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।
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