राज्य के बाहर फंसे छात्रों को घर वापस लाने के अपने निर्णय पर राज्य सरकार करे पुनर्विचार:अजीत
राज्य के पूर्व मंत्री अजीत कुमार ने मुख्यमंत्री को मेल भेजकर बिहार के बाहर कोटा सहित अन्य शहरों में लॉक डाउन के कारन फंसे छात्रों के घर वापसी कराने के अपने पुराने निर्णय पर पुनर्विचार कर सभी छात्रों को शीघ्र घर वापस बुलाने की मांग की है। मुख्यमंत्री को भेजे अपने मेल में श्री कुमार ने कहा है कि जो छात्र बाहर फंसे हैं उनके परिवार में आज मातम की स्थिति है। परिजन खासे परेशान है। ऐसे में डब्ल्यू एच ओ, स्वास्थ्य विभाग, एवं राज्य सरकार के द्वारा निर्धारित मानदंड का पालन कराते हुए बच्चों का घर वापसी कराना अति आवश्यक है। उन्होंने आगे लिखा है कि रसूखदार लोग तो प्रभाव का इस्तेमाल कर अपने बच्चे को घर वापस ले आए हैं लेकिन सामान्य वर्ग के लोग जिनके बच्चे फंसे हैं वे आज भी मुख्यमंत्री जी आप ही की ओर देख रहे हैं।
उक्त बातें गुरुवार को बी बी गंज स्थित अपने आवास पर गरीबों के बीच राहत सामग्री वितरण करने के उपरांत पत्रकारों को संबोधित करते हुए श्री कुमार ने कहा। उन्होंने कहा कि जो गरीब घर में फंसे हैं उन्हें तो किसी न किसी रूप में राहत उपलब्ध हो रहा है। लेकिन रोजमर्रा का जीवन जीने वाले लोग काफी परेशान है। मीडिया के माध्यम से राशन कार्ड विहीन परिवार को एक हजार रुपया देने तथा नौ दिनों के अंदर राशन कार्ड बनाने की बात प्रचारित हो रही है लेकिन सर जमीन पर गरीब इसके आड़ लूटे जा रहे हैं। उन्होंने जिलाधिकारी से इस पर विशेष नजर रखने की भी मांग की है।
इस अवसर पर श्री कुमार एवं उनके साथियों ने तीन सौ गरीबो को राहत सामग्री उपलब्ध कराया। मौके पर श्री कुमार ने कहा की यह राहत वितरण का अभियान लगातार जारी रहेगा।
वितरण कार्यक्रम में मुखिया इंद्रमोहन झा, दीप नारायण सिंह, रमेश ठाकुर, विश्वनाथ प्रताप, विकास कुमार पांडे, सुनील शर्मा, मंकू पाठक, साकेत रमन पांडे, नंदन कुमार,साजन सहनी, शिवनाथ साह, वकील सहनी, धर्मेंद्र चौबे, उपेंद्र साह, पंकज कुमार, राकेश सिंह, राजेश कुमार, रवीश कुमार सिंह, किशोर गुप्ता धर्मेंद्र मिश्रा संजय साह, दिपक पासवान, रमेश राम सहित कई प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ताओं ने अपनी सक्रिय भूमिका निभाया।
संवाददाता, अभिषेक मिश्रा,
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