केंद्र सरकार के अस्पष्ट निर्देश के बावजूद दूसरे राज्यों में फंसे लोगों को वापस बुलाने के मामले पर राज्य सरकार द्वारा साधन का अभाव बताकर हाथ खड़ा किया जाना बेहद दुखद है। राज्य सरकार को आम जनों की भावनाओं को समझना चाहिए। पड़ोसी राज्यो के सरकार के द्वारा बाहर फंसे लोगों को घर वापस बुलाकर बिहार के लोगों का बेचैनी बढ़ा दिया है। प्रभावित लोगों के घरों में मातम की स्थिति बनी हुई है। वैसे में राज्य सरकार को स्थिति सामान्य बने इसके लिए तत्परता से आगे बढ़कर फसे लोगों को घर वापस लाना चाहिए।
उक्त बातें हैं गुरुवार को अपने आवास पर लॉक डाउन में फंसे गरीबों के बीच राहत सामग्री वितरण करने के उपरांत पत्रकारों को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री अजीत कुमार ने कहा । उन्होंने कहा कि इस मामले में यदि राज्य सरकार पहल नहीं करती है तो केंद्र को सीधा पहल कर फसे बिहारियों को घर वापस लाना चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से इस मामले में हस्तक्षेप करने की भी मांग की है। इस बीच श्री कुमार लॉक डाउन में फंसे गरीबों के बीच मदद का हाथ बढ़ाते हुए 19 में दिन भी राहत सामग्री बाटा। इस अवसर पर उन्होंने कहा की 3 मई के बाद पुन:मै साथियों के साथ बैठकर पूर्व से चलाया जा रहे राहत कार्यों का समीक्षा करूंगा । साथ ही आगे का रणनीति तय करूंगा । वैसे लॉक डाउन समाप्त होने तक हमारा यह राहत वितरण का कार्य जारी रहेगा।
इस मौके पर सामाजिक कार्यकर्ता जय किशन कुमार चौहान, विकास कुमार पांडे, धर्मेंद्र मिश्रा, मनकु पाठक, केशव सिंह, नंदन कुमार, सहदेव पासवान, रवीश कुमार सिंह, शत्रुघ्न सिंह, कृष्णा देवी पासवान, राहुल पटेल, गगन देव यादव, रितेश सिंह, जगबीर पटेल, मुन्ना यादव, अरुण यादव, मोहम्मद शमीम, मोहम्मद आजाद आदी ने पूर्व मंत्री को राहत वितरण में सहयोग किया।
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