पंचायती राज दिवस के अवसर पर मोदी ने प्रधानमंत्री मोदी ने देश के सरपंचों से वीडियो कांफ्रेंस के जरिए मुखातिब हुए ।
महामारी हम सभी के काम करने के तरीके को बदल दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी सबसे बड़ा सबक हमें दिया है । सिखाया है , कि उस रास्ते पर चलने के लिए दिशा निर्देश दिया है । वह रास्ता हमें संकट से शिक्षा देता है, कि हमें आत्मनिर्भर बनना ही पड़ेगा । बिना आत्मनिर्भर बने हुए , इस समय , इस संकटों से बाहर पाना मुश्किल भी होगा । ग्रामीण स्तर पर हमें मूलभूत सुविधाओं के लिए आत्मनिर्भर बनना होगा । जिला अपने स्तर पर, राज्य अपने स्तर पर, और इसी तरह हमारे पूरे हिंदुस्तान को चाहिए की , आत्मनिर्भर बने । अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए हमें कभी भी , बाहर का मुंह नहीं देखना पड़े । यह तय करने का यह सबक हमने इस कोरोना महामारी से सीखा है ।
भारत में यह विचार सदियों से रहा है । लेकिन आज बदली परिस्थितियों ने हमें फिर से याद दिलाया है । की 'आत्मनिर्भर बनना ही हमारी सबसे बड़ी आवश्यकता है । हमारे ग्राम पंचायतों की इसमें बहुत बड़ी भूमिका है । मजबूत पंचायतें , आत्मनिर्भर गांव का ही आधार है । इसलिए पंचायत की व्यवस्था जितनी मजबूत होगी , उतना ही लोकतंत्र भी मजबूत होगा । उतना ही विकास का लाभ आखिरी छोर पर बैठा हुआ , उस सामान्य व्यक्ति तक पहुंचेगा । इसी सोच के साथ सरकार ने पंचायती राज से जुड़ी व्यवस्थाओं को , इंफ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक बनाने के लिए निरंतर काम किया है । उन्होंने कहा कि 5 साल पहले 100 के आसपास ऐसे पंचायती ब्रॉडबैंड सुबिधा से जुड़े थे । लेकिन आज सवा लाख गाँव तक ब्रॉडबेंट पहुंच चुका है । इतना ही नहीं गांव में कॉमन सर्विस सेंटर की संख्या भी तीन लाख को पार कर रही है । सरकार ने भारत में ही जो मोबाइल बनाने का प्रयास शुरू किया है । आज उसी का नतीजा है कि , गांव-गांव तक कम कीमत वाले स्मार्टफोन पहुंच चुके हैं।
यह जो आज इतने बड़े पैमाने पर, इतने बड़े पैमाने पर वीडियो कॉन्फिडेंस हो रही है । जिसमें लाखों लोग जुड़े हुए हैं । इसमें इनसारी बातों का बहुत बड़ा योगदान है । अपने इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए शहरों और गांवों की दूरी को कम तो करना ही हैं ।
और इसके लिए आज सरकार द्वारा दो प्रोजेक्ट शुरू किए हैं । इसमें एक है। ग्राम स्वराज और दूसरी स्वामित्व योजना ।
यह भविष्य में ग्राम पंचायत के अलग-अलग कामों का लेखा-जोखा रखने वाला सिंगल प्लेटफॉर्म बनेगा । एवं अलग-अलग एप्लीकेशंस में , अलग-अलग काम करने की कोई जरूरत नहीं पड़ेगी । इस ऐप के माध्यम से इस पोर्टल पर , पंचायत के विकास कार्यों की डिटेल से लेकर , उसके लिए तय किया गया , कितना पैसा कहां खर्च हुआ , यह सारी बातें उस पर उपलब्ध रहेगी । इसके जरिए गांव का कोई भी नागरिक अपनी ग्राम पंचायत में क्या चल रहा है । क्या काम हो रहा है । काम कहां तक पहुंचा कितना काम हुआ है । सारी चीजें अपने मोबाइल में , मोबाइल से जान सकते है । इससे ग्राम पंचायतों में पारदर्शिता एवं रिकॉर्ड रखने का काम भी काम आसान हो जाएगा। ग्राम स्वराज के माध्यम से आप सभी को कितनी बड़ी शक्ति मिलने जा रही है । कि गांव में प्रॉपर्टी को लेकर, संपत्ति को लेकर, जो स्थिति रहती है । जिसके लिए स्वामित्व योजना इसी को ठीक करने का एक प्रयास है । इस योजना के तहत देश के सभी गांव के आवासों की ड्रोन में ड्रोन के माध्यम से पूरे गांव की संपत्ति की मैपिंग की जाएगी । इसके बाद गांव के लोगों को उस प्रॉपर्टी का एक मालिकाना प्रमाण पत्र , टाइटल्ड दिया जाएगा ।इस योजना से गांव के लोगों को एक ही नहीं अनेक लाभ होंगे । पहला तो यह प्रोपर्टी को लेकर जो भ्रम की स्थिति रहती है । वह दूर हो जाएगी । दूसरा इससे गांव में विकास योजनाओं में बेहतर प्रणाली में प्रगति मिलेगा । इससे बहुत बड़ा लाभ यह होगा कि , शहरों की तरह गांव में भी बैंकों से लोन ले सकते हैं । जब आपके पास स्वामित्व होगा ,उस संपत्ति के आधार पर बैंक से लोन ले सकते हैं । जो जीवन में बहुत काम आ सकता है । फिलहाल यह काम उत्तर प्रदेश , महाराष्ट्र, कर्नाटका , हरियाणा , मध्य प्रदेश , उत्तराखंड के अलग-अलग राज्यों में इस योजना को प्रारंभिक तौर पर प्रारंभ कर रहे हैं । करेंगे तो और अनुभव आएगा । जिसे कमियां क्या होगी उसको ठीक करके, फिर ठीक करके उसके बाद यह योजना हिंदुस्तान के हर राज्य में लागू किया जाएगा । प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस समय आप चारों तरफ से संभाले हुए हैं। तो उस समय सच्ची शिक्षा का पता नहीं पता चलता । अपनी योग्यता का पता ही नहीं चलता । लेकिन अभी इस कोरोना संकट ने यह बता दिया है कि ' गांव में रहने वाले बरी बरी यूनिवर्सिटी, बड़े-बड़े औद्योगिक चलाने वाले , इन सभी को उन्होंने गांव में रहने वाले संस्कारों , अपने संस्कृतिक शिक्षा का अद्भुत परिणाम परिचय दिया है । गांव से जो संदेश आ रहा है । वह बड़े-बड़े विद्वानों के लिए प्रेरणा देने वाली है । प्रधानमंत्री ने कहा कि और यह काम आपने किया है । आपके गांव के प्रत्येक नागरिक ने किया है । गांव के बहनों ने किया है । आदिवासी भाई बहनों ने किया है । खेत खलिहान में काम करने वालों ने फसल कटाई बुवाई में लगे साथियों ने देश को प्रेरणा देने वाला अद्भुत काम किया है । एवं प्रेरणा दिया है । इसलिए प्रधानमंत्री ने गांव के ग्राम वासियों को भी प्रणाम कहा । प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारे देश के हर कोने में रहे लोगों के दिए हुए संदेश , पूरी दुनिया को काम आएगा । दो गज की दूरी का गांव के लोगों ने बहुत अच्छा मैसेज दिया है । कि इस 2 गज की दूरी बनाने से आप , कोरोना वायरस को अपने आप से दूर रख सकते हैं । इस संक्रमण से खुद को बचा रहे हैं । आप सभी का एक ही प्रयास है । जो आज चारो तरफ चर्चा हो रही है की कोरोना को भारत किस तरह जवाब दिया है । प्रधानमंत्री ने कहा कि इतना बड़ा संकट आया है । इतनी बड़ी वैश्विक महामारी आई है । लेकिन इन दो-तीन महीनों में हमने यह भी देखा कि भारत का नागरिक , सीमित संसाधनों के बीच अनेक कठिनाइयों के सामने झुकने की बजाय , सर टकरा रहा है । लोहा ले रहा है, यह सही है ,रुकावट आ रही है । परेशानी हो रही है । लेकिन संकल्प का सामर्थ्य दिखाते हुए नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ते हुए नए-नए तरीके , खोजते हुए देश को बचाने का और देश को आगे बढ़ाने का काम निरंतर जारी है । प्रधानमंत्री ने कहा कि इन परिस्थितियों में गांव में जो हो रहा है , उसके मैं अलग-अलग स्रोतों से निरंतर जानकारी ले रहा हूं । उन्होंने कहा कि आज पंचायती राज के अवसर पर इन सभी पंचायत, सरपंच से उनके भी अनुभव को जाना । प्रधानमंत्री ने कहा कि गांव वालों ने रास्ता दिखाया है । उन्होंने गांव वालों ने एक नया रास्ता दिखाया है । प्रधानमंत्री ने कुछ सरपंचों से बात किए जिसमें सबसे पहले जम्मू-कश्मीर से नारवाओं के चेयरमैन इकबाल से बात किया । बिहार के जहानाबाद जिले के एक पंचायत के प्रमुख से बात की ।और जानकारी सांझा किया । एवं आरोग्य सेतु ऐप को डाउनलोड करने का एवं, आसपास के लोगों को इसे डाउनलोड कराने के लिए भी ने भी निर्देश दिया ।
महामारी हम सभी के काम करने के तरीके को बदल दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी सबसे बड़ा सबक हमें दिया है । सिखाया है , कि उस रास्ते पर चलने के लिए दिशा निर्देश दिया है । वह रास्ता हमें संकट से शिक्षा देता है, कि हमें आत्मनिर्भर बनना ही पड़ेगा । बिना आत्मनिर्भर बने हुए , इस समय , इस संकटों से बाहर पाना मुश्किल भी होगा । ग्रामीण स्तर पर हमें मूलभूत सुविधाओं के लिए आत्मनिर्भर बनना होगा । जिला अपने स्तर पर, राज्य अपने स्तर पर, और इसी तरह हमारे पूरे हिंदुस्तान को चाहिए की , आत्मनिर्भर बने । अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए हमें कभी भी , बाहर का मुंह नहीं देखना पड़े । यह तय करने का यह सबक हमने इस कोरोना महामारी से सीखा है ।
भारत में यह विचार सदियों से रहा है । लेकिन आज बदली परिस्थितियों ने हमें फिर से याद दिलाया है । की 'आत्मनिर्भर बनना ही हमारी सबसे बड़ी आवश्यकता है । हमारे ग्राम पंचायतों की इसमें बहुत बड़ी भूमिका है । मजबूत पंचायतें , आत्मनिर्भर गांव का ही आधार है । इसलिए पंचायत की व्यवस्था जितनी मजबूत होगी , उतना ही लोकतंत्र भी मजबूत होगा । उतना ही विकास का लाभ आखिरी छोर पर बैठा हुआ , उस सामान्य व्यक्ति तक पहुंचेगा । इसी सोच के साथ सरकार ने पंचायती राज से जुड़ी व्यवस्थाओं को , इंफ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक बनाने के लिए निरंतर काम किया है । उन्होंने कहा कि 5 साल पहले 100 के आसपास ऐसे पंचायती ब्रॉडबैंड सुबिधा से जुड़े थे । लेकिन आज सवा लाख गाँव तक ब्रॉडबेंट पहुंच चुका है । इतना ही नहीं गांव में कॉमन सर्विस सेंटर की संख्या भी तीन लाख को पार कर रही है । सरकार ने भारत में ही जो मोबाइल बनाने का प्रयास शुरू किया है । आज उसी का नतीजा है कि , गांव-गांव तक कम कीमत वाले स्मार्टफोन पहुंच चुके हैं।
यह जो आज इतने बड़े पैमाने पर, इतने बड़े पैमाने पर वीडियो कॉन्फिडेंस हो रही है । जिसमें लाखों लोग जुड़े हुए हैं । इसमें इनसारी बातों का बहुत बड़ा योगदान है । अपने इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए शहरों और गांवों की दूरी को कम तो करना ही हैं ।
और इसके लिए आज सरकार द्वारा दो प्रोजेक्ट शुरू किए हैं । इसमें एक है। ग्राम स्वराज और दूसरी स्वामित्व योजना ।
यह भविष्य में ग्राम पंचायत के अलग-अलग कामों का लेखा-जोखा रखने वाला सिंगल प्लेटफॉर्म बनेगा । एवं अलग-अलग एप्लीकेशंस में , अलग-अलग काम करने की कोई जरूरत नहीं पड़ेगी । इस ऐप के माध्यम से इस पोर्टल पर , पंचायत के विकास कार्यों की डिटेल से लेकर , उसके लिए तय किया गया , कितना पैसा कहां खर्च हुआ , यह सारी बातें उस पर उपलब्ध रहेगी । इसके जरिए गांव का कोई भी नागरिक अपनी ग्राम पंचायत में क्या चल रहा है । क्या काम हो रहा है । काम कहां तक पहुंचा कितना काम हुआ है । सारी चीजें अपने मोबाइल में , मोबाइल से जान सकते है । इससे ग्राम पंचायतों में पारदर्शिता एवं रिकॉर्ड रखने का काम भी काम आसान हो जाएगा। ग्राम स्वराज के माध्यम से आप सभी को कितनी बड़ी शक्ति मिलने जा रही है । कि गांव में प्रॉपर्टी को लेकर, संपत्ति को लेकर, जो स्थिति रहती है । जिसके लिए स्वामित्व योजना इसी को ठीक करने का एक प्रयास है । इस योजना के तहत देश के सभी गांव के आवासों की ड्रोन में ड्रोन के माध्यम से पूरे गांव की संपत्ति की मैपिंग की जाएगी । इसके बाद गांव के लोगों को उस प्रॉपर्टी का एक मालिकाना प्रमाण पत्र , टाइटल्ड दिया जाएगा ।इस योजना से गांव के लोगों को एक ही नहीं अनेक लाभ होंगे । पहला तो यह प्रोपर्टी को लेकर जो भ्रम की स्थिति रहती है । वह दूर हो जाएगी । दूसरा इससे गांव में विकास योजनाओं में बेहतर प्रणाली में प्रगति मिलेगा । इससे बहुत बड़ा लाभ यह होगा कि , शहरों की तरह गांव में भी बैंकों से लोन ले सकते हैं । जब आपके पास स्वामित्व होगा ,उस संपत्ति के आधार पर बैंक से लोन ले सकते हैं । जो जीवन में बहुत काम आ सकता है । फिलहाल यह काम उत्तर प्रदेश , महाराष्ट्र, कर्नाटका , हरियाणा , मध्य प्रदेश , उत्तराखंड के अलग-अलग राज्यों में इस योजना को प्रारंभिक तौर पर प्रारंभ कर रहे हैं । करेंगे तो और अनुभव आएगा । जिसे कमियां क्या होगी उसको ठीक करके, फिर ठीक करके उसके बाद यह योजना हिंदुस्तान के हर राज्य में लागू किया जाएगा । प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस समय आप चारों तरफ से संभाले हुए हैं। तो उस समय सच्ची शिक्षा का पता नहीं पता चलता । अपनी योग्यता का पता ही नहीं चलता । लेकिन अभी इस कोरोना संकट ने यह बता दिया है कि ' गांव में रहने वाले बरी बरी यूनिवर्सिटी, बड़े-बड़े औद्योगिक चलाने वाले , इन सभी को उन्होंने गांव में रहने वाले संस्कारों , अपने संस्कृतिक शिक्षा का अद्भुत परिणाम परिचय दिया है । गांव से जो संदेश आ रहा है । वह बड़े-बड़े विद्वानों के लिए प्रेरणा देने वाली है । प्रधानमंत्री ने कहा कि और यह काम आपने किया है । आपके गांव के प्रत्येक नागरिक ने किया है । गांव के बहनों ने किया है । आदिवासी भाई बहनों ने किया है । खेत खलिहान में काम करने वालों ने फसल कटाई बुवाई में लगे साथियों ने देश को प्रेरणा देने वाला अद्भुत काम किया है । एवं प्रेरणा दिया है । इसलिए प्रधानमंत्री ने गांव के ग्राम वासियों को भी प्रणाम कहा । प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारे देश के हर कोने में रहे लोगों के दिए हुए संदेश , पूरी दुनिया को काम आएगा । दो गज की दूरी का गांव के लोगों ने बहुत अच्छा मैसेज दिया है । कि इस 2 गज की दूरी बनाने से आप , कोरोना वायरस को अपने आप से दूर रख सकते हैं । इस संक्रमण से खुद को बचा रहे हैं । आप सभी का एक ही प्रयास है । जो आज चारो तरफ चर्चा हो रही है की कोरोना को भारत किस तरह जवाब दिया है । प्रधानमंत्री ने कहा कि इतना बड़ा संकट आया है । इतनी बड़ी वैश्विक महामारी आई है । लेकिन इन दो-तीन महीनों में हमने यह भी देखा कि भारत का नागरिक , सीमित संसाधनों के बीच अनेक कठिनाइयों के सामने झुकने की बजाय , सर टकरा रहा है । लोहा ले रहा है, यह सही है ,रुकावट आ रही है । परेशानी हो रही है । लेकिन संकल्प का सामर्थ्य दिखाते हुए नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ते हुए नए-नए तरीके , खोजते हुए देश को बचाने का और देश को आगे बढ़ाने का काम निरंतर जारी है । प्रधानमंत्री ने कहा कि इन परिस्थितियों में गांव में जो हो रहा है , उसके मैं अलग-अलग स्रोतों से निरंतर जानकारी ले रहा हूं । उन्होंने कहा कि आज पंचायती राज के अवसर पर इन सभी पंचायत, सरपंच से उनके भी अनुभव को जाना । प्रधानमंत्री ने कहा कि गांव वालों ने रास्ता दिखाया है । उन्होंने गांव वालों ने एक नया रास्ता दिखाया है । प्रधानमंत्री ने कुछ सरपंचों से बात किए जिसमें सबसे पहले जम्मू-कश्मीर से नारवाओं के चेयरमैन इकबाल से बात किया । बिहार के जहानाबाद जिले के एक पंचायत के प्रमुख से बात की ।और जानकारी सांझा किया । एवं आरोग्य सेतु ऐप को डाउनलोड करने का एवं, आसपास के लोगों को इसे डाउनलोड कराने के लिए भी ने भी निर्देश दिया ।
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