मन की बात के माध्यम से भारत के प्रधानमंत्री" माननीय नरेन्द्र मोदी जी ने ,समस्त देशवासियों को संबोधित किया । कई ऐसे लोगों से भी फोन लाइन पर बात की जो कोरोना जैसी गम्भीर बीमारी से ठीक होकर ,अपने घर लौटे हैं।
इसमे कई डॉक्टर भी है, जो मरीजों की सेवा करते समय वह किसी न किसी कारण से ,वह भी कोरोना की चपेट में गये । फिर इलाज कराने के बाद वह स्वस्थ हो भी गए । सभी ने कोरोना से सावधानी बरतने की ही सलाह दी ।
प्रधानमंत्री ने इस लॉक डाउन के दौरान अपने आप से भी बात करने का एक मौका भी बताया । जो लोग अपने परिवार के लिए समय नही निकाल पाते थे , उन्हें भी एक संदेश दिया । कई ऐसे भी लोगों के लोगों के बारे में कहा , और आप खुद भी ऐसा देख सकते है ,कि आप जिस बचपन के दोस्तों से बात नही कर पाते थे । बैठे-बैठे उनसे भी हालचाल पूछकर अपने पुरानी यादों को ताजा करने का मौका भी बताया । कई लोग ने नमो एप्प पर तबला और ऑर्गन वीणा जैसे वादक यंत्र जो घर के किसी कोने में डाल दिया था । आज उन्हें निकालकर अपने पुरानी यादें ताजा करने का भी समय मिला है । और वह इसका पूर्ण उपयोग कर रहे हैं।
डॉक्टरों को एवं नर्सों को उन्होंने इस आपदा की घरी में उनके साहस के लिये बधाई देने साथ -साथ हौसला भी बढ़ाया । एवं प्रधानमंत्री मोदी ने चाणक्य के द्वारा डॉक्टरों के लिए कही गई स्लोक का भी , संक्षिप्त रूप से वर्णन करते हुए डॉक्टरों को मानव सेवा की महत्ता पर जोर दिया । डॉक्टरों के लिए मानव सेवा ही सबसे बड़ा धर्म बताया ।
माननीय प्रधानमंत्री मोदी ने विदेश से आये हुए लोगों के लिए भी बात किया , और विदेश से आये लोगों से भी बात किया ।
लेकिन हमारे देश के गरीब मजदूर जो बड़े-बड़े शहर दिल्ली , मुम्बई में फंसे हुए हैं। जो गुजर वसर करने के लिए पैसा कमाने अपने घर से निकले थे । वहाँ काम बंद हो जाने के कारण वहाँ से हजारों किलोमीटर पैदल आने को मजबूर है ,उनके बारे में न तो कोई बात कही न ही उनके लिए कुछ बताया। जो गरीब मजदूर हमारे देश की अर्थव्यवस्था में अपना बहुत बड़ा योगदान देते हैं।
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