एईएस चमकी बुखार पर प्रभावी नियंत्रण को लेकर बनाई गई कार्ययोजना, उसका क्रियान्वयन एवं इस संबंध में किये जाने वाले सघन जागरूकता कार्यक्रम को लेकर क्षेत्रीय स्तर पर 11 जिलों की एक समीक्षात्मक बैठक -सह- कार्यशाला का आयोजन स्थानीय अतिथि होटल में किया गया। कार्यशाला का उद्घाटन प्रधान सचिव,स्वास्थ्य विभाग संजय कुमार,कार्यपालक निदेशक(SHSB)मनोज कुमार,अपर सचिव स्वास्थ्य विभाग कौशल किशोर,असर्दुर रहमान ,चीफ फील्ड ऑफिसर-यूनिसेफ तथा डीएम मुजफ्फरपुर चंद्रशेखर सिंह द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया।
बैठक -सह-कार्यशाला में मुजफ्फरपुर,समस्तीपुर, वैशाली,दरभंगा,सारण, सिवान,गोपालगंज,मोतिहारी,बेतिया,सीतामढ़ी और शिवहर जिले के सिविल सर्जन,डीपीएम ,अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी,सभी वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी एवं मुजफ्फरपुर जिले के सभी पीएचसी के चिकित्सा पदाधिकारी उपस्थित थे। एसकेएमसीएच के अधीक्षक एवं प्रिंसिपल भी इस कार्यक्रम में उपस्थित थे।प्रधान सचिव श्री संजय कुमार ने कहा कि एईएस/चमकी बुखार को लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी आवश्यक तैयारियां मुकम्मल की जा रही है। इस संबंध में सभी 11 जिलों के उपस्थित स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियो को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि वे अभी से ही एईएस के प्रभावी नियंत्रण को लेकर पूरी तरह से तैयार रहे। इस संबंध में किसी तरह की कोताही पर कार्रवाई निश्चित होगी। कहा कि संवेदनशील बने।सभी चिकित्सक सेवा भावना से कार्य करें । उन्होंने एईएस/चमकी बुखार पर प्रभावी नियंत्रण को लेकर सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जा रही मूलभूत संरचना के सम्बंध में विस्तृत प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इस संबंध में स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिडियोर(एसओपी) बना हुआ है ।उसपर बेहतर तरीके से अमल करने की जरूरत है। कहा कि गांव स्तर पर और सघन जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाने की आवश्यकता है । उन्होंने अपील किया कि बच्चे रात में खाली पेट न सोए। वे अकेले नहीं बल्कि अपने अभिभावक के साथ सोए। उन्होंने बताया की अक्सरहां देखा गया है कि कन्वर्जन / सीजर सुबह 4:00 से 5:00 के बीच होता है। कहा कि पूर्व में ऐसा देखा गया है कि रोगी को गांव से अस्पताल लाने में 4 से 5 घंटे का समय लग जाते हैं। इसे देखते हुए रेफरल सिस्टम को भी आवश्यक रूप से बेहतर करने की जरूरत होगी। साथ ही प्रखंड स्तर पर प्रत्येक पीएससी को कारगर तरीके से कार्य करना होगा । उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज और केजरीवाल अस्पताल इन दो जगहों पर अधिक से अधिक लोग आते हैं । वहां पर बेहतर सेवा देने के लिए हम कृत संकल्पित हैं । बताया कि एसकेएमसीएच में 100 बेड का पीआईसीयू को अप्रैल के अन्त तक हैंड ओवर करा दिया जाएगा ।चिकित्सक और नर्सों को गहन प्रशिक्षण के लिए दिल्ली भेजा गया है। आईसीयू बेहतर ढंग से चलाए जाएं इसके लिए पटना एम्स से करार किया गया है । आईसीयू बेहतर ढंग से चले इसके लिए यदि प्रशिक्षण की आवश्यकता होगी तो पटना एम्स द्वारा प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट कहा कि समय रहते हम कोशिश कर रहे हैं कि कि हमारी तैयारी पूरी रहे ताकि जब ऐसा सीजन शुरू हो और जिन्हें सेवा की आवश्यकता होगी हमारे द्वारा उन्हें बेहतर सेवा दिया जा सके ।। बैठक में उपस्थित जिलाधिकारी मुजफ्फरपुर चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि एईएस/ चमकी बुखार पर प्रभावी नियंत्रण के मद्देनजर बनाई गई कार्य योजना को धरातल पर उतारने हेतु प्रशासन कटिबद्ध है। उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर जिला स्तरीय कमेटी, उप समितियां एवं विभिन्न विभागों के साथ नेहरू युवा केंद्र ,रेड क्रॉस इंडिया, तथा अन्य विभागों को अलग-अलग दायित्व सौपें गए हैं। उनके द्वारा की जा रही गतिविधियों का सतत अनुश्रवण किया जा रहा है। कहा कि मैटरनल एवं शिशु स्वास्थ्य सेंटर बनकर तैयार है। पीआईसीयू भी अप्रैल माह के अंत तक तैयार हो जाएगा। इनमें सभी आधुनिक सुविधाएं सुलभ होंगी ।सभी आवश्यक दवाइयां उपकरण यंत्र उपलब्ध होंगे ।कार्यशाला में उपस्थित यूनिसेफ के स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ सैयद हुब्बेअली ने बताया कि किसी भी परिस्थिति में रात में भूखे पेट बच्चे को ना सोने दें ।उन्हें भरपेट खिला करके ही सुलायें। वही यूनिसेफ के राज्य प्रमुख श्री असर्दुर रहमान ने बताया कि किस प्रकार यूनिसेफ बिहार सरकार के साथ मिलकर उस बीमारी से लड़ने में सहयोग प्रदान करेगा एवं बचाव हेतु किस प्रकार से यूनिसेफ मदद करेगा। गौर तलब है कि कुल जिले में कुल 459 केस में 62% यानी कुल 285 केस मुशहरी ,कांटी और मीनापुर में ही देखने को मिले थे।वैसे जिले के कुल 05 प्रखंड मीनापुर,कांटी, बोचहां, मोतीपुर और मुसहरी मुख्य रूप से प्रभावित थे।
बैठक -सह-कार्यशाला में मुजफ्फरपुर,समस्तीपुर, वैशाली,दरभंगा,सारण, सिवान,गोपालगंज,मोतिहारी,बेतिया,सीतामढ़ी और शिवहर जिले के सिविल सर्जन,डीपीएम ,अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी,सभी वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी एवं मुजफ्फरपुर जिले के सभी पीएचसी के चिकित्सा पदाधिकारी उपस्थित थे। एसकेएमसीएच के अधीक्षक एवं प्रिंसिपल भी इस कार्यक्रम में उपस्थित थे।प्रधान सचिव श्री संजय कुमार ने कहा कि एईएस/चमकी बुखार को लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी आवश्यक तैयारियां मुकम्मल की जा रही है। इस संबंध में सभी 11 जिलों के उपस्थित स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियो को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि वे अभी से ही एईएस के प्रभावी नियंत्रण को लेकर पूरी तरह से तैयार रहे। इस संबंध में किसी तरह की कोताही पर कार्रवाई निश्चित होगी। कहा कि संवेदनशील बने।सभी चिकित्सक सेवा भावना से कार्य करें । उन्होंने एईएस/चमकी बुखार पर प्रभावी नियंत्रण को लेकर सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जा रही मूलभूत संरचना के सम्बंध में विस्तृत प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इस संबंध में स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिडियोर(एसओपी) बना हुआ है ।उसपर बेहतर तरीके से अमल करने की जरूरत है। कहा कि गांव स्तर पर और सघन जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाने की आवश्यकता है । उन्होंने अपील किया कि बच्चे रात में खाली पेट न सोए। वे अकेले नहीं बल्कि अपने अभिभावक के साथ सोए। उन्होंने बताया की अक्सरहां देखा गया है कि कन्वर्जन / सीजर सुबह 4:00 से 5:00 के बीच होता है। कहा कि पूर्व में ऐसा देखा गया है कि रोगी को गांव से अस्पताल लाने में 4 से 5 घंटे का समय लग जाते हैं। इसे देखते हुए रेफरल सिस्टम को भी आवश्यक रूप से बेहतर करने की जरूरत होगी। साथ ही प्रखंड स्तर पर प्रत्येक पीएससी को कारगर तरीके से कार्य करना होगा । उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज और केजरीवाल अस्पताल इन दो जगहों पर अधिक से अधिक लोग आते हैं । वहां पर बेहतर सेवा देने के लिए हम कृत संकल्पित हैं । बताया कि एसकेएमसीएच में 100 बेड का पीआईसीयू को अप्रैल के अन्त तक हैंड ओवर करा दिया जाएगा ।चिकित्सक और नर्सों को गहन प्रशिक्षण के लिए दिल्ली भेजा गया है। आईसीयू बेहतर ढंग से चलाए जाएं इसके लिए पटना एम्स से करार किया गया है । आईसीयू बेहतर ढंग से चले इसके लिए यदि प्रशिक्षण की आवश्यकता होगी तो पटना एम्स द्वारा प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट कहा कि समय रहते हम कोशिश कर रहे हैं कि कि हमारी तैयारी पूरी रहे ताकि जब ऐसा सीजन शुरू हो और जिन्हें सेवा की आवश्यकता होगी हमारे द्वारा उन्हें बेहतर सेवा दिया जा सके ।। बैठक में उपस्थित जिलाधिकारी मुजफ्फरपुर चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि एईएस/ चमकी बुखार पर प्रभावी नियंत्रण के मद्देनजर बनाई गई कार्य योजना को धरातल पर उतारने हेतु प्रशासन कटिबद्ध है। उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर जिला स्तरीय कमेटी, उप समितियां एवं विभिन्न विभागों के साथ नेहरू युवा केंद्र ,रेड क्रॉस इंडिया, तथा अन्य विभागों को अलग-अलग दायित्व सौपें गए हैं। उनके द्वारा की जा रही गतिविधियों का सतत अनुश्रवण किया जा रहा है। कहा कि मैटरनल एवं शिशु स्वास्थ्य सेंटर बनकर तैयार है। पीआईसीयू भी अप्रैल माह के अंत तक तैयार हो जाएगा। इनमें सभी आधुनिक सुविधाएं सुलभ होंगी ।सभी आवश्यक दवाइयां उपकरण यंत्र उपलब्ध होंगे ।कार्यशाला में उपस्थित यूनिसेफ के स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ सैयद हुब्बेअली ने बताया कि किसी भी परिस्थिति में रात में भूखे पेट बच्चे को ना सोने दें ।उन्हें भरपेट खिला करके ही सुलायें। वही यूनिसेफ के राज्य प्रमुख श्री असर्दुर रहमान ने बताया कि किस प्रकार यूनिसेफ बिहार सरकार के साथ मिलकर उस बीमारी से लड़ने में सहयोग प्रदान करेगा एवं बचाव हेतु किस प्रकार से यूनिसेफ मदद करेगा। गौर तलब है कि कुल जिले में कुल 459 केस में 62% यानी कुल 285 केस मुशहरी ,कांटी और मीनापुर में ही देखने को मिले थे।वैसे जिले के कुल 05 प्रखंड मीनापुर,कांटी, बोचहां, मोतीपुर और मुसहरी मुख्य रूप से प्रभावित थे।
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