महंत ब्रजेश मुनि ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र किशोर कुणाल को पुनः बनाये परिषद का प्रशासक।

पटना -कबीरपंथी मठ के संरक्षक महंत ब्रजेश मुनि महाराज ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कबीरपंथी साधु संतों की ओर से बिहार के मठ मंदिरों के हित में आचार्य किशोर कुणाल को पुनः धार्मिक न्यास परिषद का प्रशासक बनने का आग्रह किया है ।इस संदर्भ में महंत ब्रजेश मुनि ने कहा कि बिहार के मठ मंदिरों के बीच आचार्य किशोर कुणाल आईपीएस प्रशासक मंदिर निर्माण ,धार्मिक सेवा, जनसेवा स्वास्थ्य सेवा समाज सेवा के क्षेत्र में आद्वीतीय बिहार के गौरव है । पूर्व में उनके दस  वर्षों के कार्यकाल में धार्मिक न्यास परिषद का न सिर्फ कायाकल्प हुआ बल्कि कई विवादित मामलों को हालकर मंदिरों का जीर्णोद्धार नवनिर्माण एवं मठों का पुनर्धार कराया गया पर्षद के प्रावधानों में अपेक्षित संशोधन भी किशोर कुणाल द्वारा किया गया श्री किशोर कुणाल के कार्यकाल में मठ मंदिरों की सेवा पूजा राग भोग भी नियंत्रित करने के लिए कार्य हुआ ।कई अतिक्रमित भूमि भूमि को भूमाफियाओं से मुक्त करा कर के मठ सार्वजनिक हितों को बढ़ावा दिया गया।  
किंतु वर्तमान में मठ मंदिर का विवाद चरम सीमा पर है कई मठों में महंत की परंपरा समाप्त कर दी गई है ।कई मठ मंदिरों में गठित न्यास समिति विवादों के कारण निष्क्रिय है  न्यास परिषद में विवादास्पद मामले आधिक हैं ऐसे में आचार्य किशोर कुणाल को प्रशासक बनाना मठ मंदिरों के हित में होगा। इसलिए कबीरपंथी साधु संतों ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर श्री किशोर कुणाल को बिहार राज धार्मिक न्यास परिषद का अध्यक्ष बनाने की मांग करने का निर्णय लिया है।

बिहार के डीजीपी के रूप में कमान संभालते ही एक्शन में दिखे 1989 बैच के आईपीएस आलोक राज, बिहार के सभी पुलिस पदाधिकारी,अधीनस्थ अधिकारी को दे दिये छः मुल मंत्र।

बिहार सरकार ने 1989 बैच के IPS रहे आलोक राज को 1989 बिहार के डीजीपी के रूप में कमान सौंपा है, विदित हो कि बिहार सरकार ने  IPS आलोक राज को बिहार के नये डीजीपी की कमान देने की अधिसूचना शुक्रवार देर शाम को जारी किया है, और आपको यह भी मालूम है की निवर्तमान डीजीपी आर एस भट्टी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर गए हैं । अब ऐसे मे बिहार सरकार को नये डीजीपी की तलाश थी अब ऐसे मे डीजीपी रैंक के तो कई अधिकारी रेस मे थे परंतु योग्यता और वरीयता के आधार पर 1989 बैच के IPS आलोक राज को बिहार का डीजीपी बनाये जाने की अधिसूचना जारी की गयी है जिसके बाद देर शाम ही वो निवर्तमान डीजीपी आर एस भट्टी से प्रभार लेने पहुँच गए और इस बीच प्रभार ग्रहण करते ही बिहार पुलिस और अधिनस्थ अधिकारी को छः मूल मंत्र पर काम करने के आदेश दिये हैं। ताकि बिहार के अपराधियों मे खौफ पैदा हो सके वहीं उन्होंने जो मूल मंत्र दिये हैं ।  उसमे स जैसे शब्द पर जोर देते हुए कई आवश्यक मूल मंत्र सभी पुलिस पदाधिकारी और अधीनस्थ अधिकारी को दिये है। जिसमें सार्थक, संवेदनशिल्ता, स्पीडी ट्रायल, समय जैसे चीजों को परिभाषित किया है और इस पर अम्ल करने की हिदायत दी है ।  ताकि अपराधियों मे खौफ पैदा हो सके अब देखना दिलचस्प यह होगा की इनके आने के बाद बिहार की शासन व्यवस्था पर लगातार उठ रहे सवाल पर किस प्रकार से क्राइम कंट्रोल होता है, वहीं उन्होंने अपनी पहली प्राथमिकता और लोगों को होने वाली असुविधा पर पूरे राज्यवासियों से यह भी अपील की है की, किसी भी प्रकार की कठिनाई होने पर आप हमारे पुलिस प्रशाशन से या फिर डायरेक्ट मुझसे भी बिला झिझक मिलकर अपनी समस्या रख सकते हैं ताकि हम सभी मिलकर उस्पर त्वरित करवाई कर सके और उसका समाधान निकाल सके,1989 बैच के आईपीएस अधिकारी आलोक राज विजिलेंस ब्यूरो बिहार के डीजी हैं और अगले आदेश तक उन्हें डीजीपी का प्रभार दिया गया है। 
राशिद रेज़ा की रिपोर्ट

जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन की अध्यक्षता में खनन टास्क फोर्स, सड़क सुरक्षा समिति तथा उत्पाद की बैठक आयोजित।

जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन की अध्यक्षता में खनन टास्क फोर्स, सड़क सुरक्षा समिति तथा  उत्पाद की बैठक समाहरणालय स्थित कार्यालय प्रकोष्ठ में की गई तथा ‌ अधिकारियों को बालू के अवैध परिवहन एवं  शराब के अवैध उत्पादन पर रोक लगाने हेतु छापेमारी तेज करने तथा सड़क पर दुर्घटनाओं  को रोकने एवं वाहनों  का सुरक्षित एवं सुव्यवस्थित परिचालन  सुनिश्चित करने  हेतु विभागीय ‌ दिशा निर्देश एवं मानक के अनुरूप विधि सम्मत कार्रवाई करने का निर्देश दिया। 
खनन टास्क फोर्स की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने ‌ बालू के अवैध परिवहन पर रोक लगाने हेतु ‌ स्थल चिन्हित कर बैरियर लगाने तथा टीम गठित कर ‌ प्रति सप्ताह अलग-अलग दिनों में जांच ‌ अभियान चलाने तथा राजस्व वसूली में तेजी लाने का सख्त निर्देश दिया। इसके लिए अनुमंडल पदाधिकारी पूर्वी ,अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी ,खनिज विकास पदाधिकारी, खान निरीक्षक एवं मोटर यान निरीक्षक ‌ की टीम गठित कर छापेमारी अभियान तेज करने तथा ‌ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने जिला खनन पदाधिकारी को छापेमारी अभियान में तेजी लाने तथा राजस्व वसूली में लक्ष्य के अनुरूप उपलब्धि हासिल करने का सख्त निर्देश दिया।
अवैध शराब के उत्पादन ,बिक्री एवं परिवहन पर रोक लगाने हेतु जिला पदाधिकारी ने सहायक आयुक्त उत्पाद को छापेमारी अभियान चलाने तथा कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया। समीक्षा के क्रम में पाया गया कि अगस्त माह में 9696 लीटर शराब की जब्ती की गई है। जिलाधिकारी ने सहायक आयुक्त को कहा  कि ‌ आगामी सितंबर माह में होने वाली समीक्षा बैठक में ‌ जुलाई ,अगस्त एवं सितंबर माह में शराब की जब्ती संबंधी थानावार ‌ रिपोर्ट की समीक्षा की जाएगी। इसकी तैयारी के लिए वरीय पुलिस ‌ अधीक्षक के माध्यम से वैसे थानों को पत्र भेजने ‌ का निर्देश दिया  जिन थानों में उक्त तीन माह के भीतर शून्य जब्ती की गई है।
सड़क पर दुर्घटनाओं को रोकने तथा वाहनों का सुरक्षित, सुगम एवं ‌ सुव्यवस्थित परिचालन सुनिश्चित करने हेतु ‌ जगह-जगह पर साइनेज लगाने, ‌ ट्रैफिक सिग्नल लगाने ,रेडियम लाइट लगाने ‌ तथा सड़क सुरक्षा के बारे में लोगों को जागरूक करने हेतु जगह-जगह पर होर्डिंग फ्लेक्स लगाने का निर्देश दिया। सड़क सुरक्षा के प्रति आम लोगों को जागरूक करने हेतु ‌ जिला जनसंपर्क कार्यालय ‌ मुजफ्फरपुर द्वारा नुक्कड़ नाटक ‌ काआयोजन जारी है। 
इसके अतिरिक्त ‌ जिलाधिकारी ने मोटर वाहन अधिनियम के ‌ बारे में लोगों को जागरूक करने हेतु अभियान चलाने तथा जगह-जगह पर जांच अभियान चलाकर अधिनियम की सुसंगत धाराओं के तहत कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया। इसके लिए जिला परिवहन पदाधिकारी अनुमंडल पदाधिकारी को एक टीम गठित कर प्रति सप्ताह जांच अभियान चलाने को कहा। सड़कों पर दुर्घटनाओं को रोकने तथा ‌ सड़क पर वाहनों का सुरक्षित एवं सुगम परिचालन सुनिश्चित करने ‌ हेतु ‌ जिला पदाधिकारी के पहल / निर्देशन में NHAI के माध्यम से NH27 पर फ्लाई ओवर बनना है।इस संबंध में एनएचएआई के सहायक अभियंता अमित कुमार ने बताया कि  NH27 ईस्ट - वेस्ट कोरिडोर पर जिले के 12 स्थलों पर फ्लाई ओवर ‌बनना है जिस पर कार्रवाई जारी है।
1/बखरी चौक
2/ काली मंदिर मोतीपुर 
3/‌पनसलवा चौक
4/ नरियाल
5/ छिन्नमस्तिका मंदिर के पास 
6/नियर कांटी थर्मल 
7/नेताजी चौक
8/खरिका चौक
9/संगम घाट (विजय छपरा)
10/गहरा चौक
11/मंझौली चौक
12/ बरगी बाजार

तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के लिए अब तक कुल 39598 आवेदन हुए प्राप्त। मुजफ्फरपुर में अब तक कुल 13645 आवेदन प्राप्त हुए हैं।

बिहार विधान परिषद के तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के लिए  निर्वाचक सूची में नाम जोड़ने के लिए 29 जुलाई से विहित प्रपत्र फार्म 18 में आवेदन लिया जा रहा है जो 3 सितंबर तक लिया जाएगा।अब तक चारों जिला सीतामढ़ी, शिवहर, मुजफ्फरपुर, वैशाली मिलाकर ऑफलाइन कुल 31266आवेदन प्राप्त हुए हैं जिसमें सीतामढ़ी जिले में 9907 शिवहर में 2064मुजफ्फरपुर में 8847तथा वैशाली जिला में 10448 आवेदन प्राप्त हुए हैं। जबकि ऑनलाइन 3830आवेदन प्राप्त हुए हैं।  जबकि ‌ कमिश्नरी ऑफिस में कुल 4502 आवेदन प्राप्त हुए हैं।इस प्रकार अब तक   कुल आवेदन 39598 प्राप्त हुए हैं। उल्लेखनीय है कि मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी ,शिवहर एवं वैशाली जिला के जिला मुख्यालय /अनुमंडल मुख्यालय /प्रखंड मुख्यालय तथा चारों जिला के सभी विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी के यहां आवेदन  जमा  किया जा सकता है। प्रमंडलीय आयुक्त सह निर्वाचक निबंधनपदाधिकारी गोपाल मीणा ने तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के लिए अधिक से अधिक लोगों को  निर्वाचक सूची में नाम जुड़वाने के लिए स्थानीय स्तर पर  जिला मुख्यालय/ अनुमंडल मुख्यालय /प्रखंड मुख्यालय अथवा विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी के पास फार्म 18 का आवेदन जमा करने की अपील की है।‌ ‌उल्लेखनीय है कि माननीय विधायक बोचहा अमर पासवान द्वारा आज ‍‌कमिश्नरी आफिस के काउंटर पर विधिवत रूप से पंक्तिबद्ध होकर तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के निर्वाचक सूची में नाम जोड़ने हेतु फार्म 18 में आवेदन किया गया।

पटना में डीजल ऑटो के परिचालन पर लगा रोक, गया और मुजफ्फरपुर में नहीं चलेगी 15 साल पुरानी गाड़ियां

राजधानी पटना में अब डीजल ऑटो नहीं दिखेगा। सरकार ने डीजल से चलने वाले ऑटो के परिचालन पर रोक लगा दी है। वही मुजफ्फरपुर और गया में 15 साल पुरानी टैक्सी, ट्रक और बस पर भी बैन लगाया गया है। 01 अक्टूबर से गया और मुजफ्फऱपुर में सभी तरह के कमर्शियल वाहनों पर रोक लगेगी। 15 साल पुरानी गाड़ियों का फिर से रजिस्ट्रेशन नहीं होगा।
वही 30 सितंबर से डीजल से चलने वाली ऑटो पर भी रोक लगाई जाएगी। मंगलवार को नीतीश कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया। बिहार सरकार ने बढ़ते वायू प्रदूषण को लेकर यह फैसला लिया है। वही सरकार ने बिहार में 1 लाख 78 हजार से अधिक शिक्षकों की बहाली का फैसला लिया है। नीतीश कैबिनेट ने शिक्षक नियमावली 2023 पर अपनी मुहर लगा दी है। इसके बाद बीपीएससी के माध्यम से बिहार में शिक्षकों की बहाली का रास्ता साफ हो गया है।
दरअसल, बिहार में सातवें चरण की शिक्षक बहाली को लेकर लगातार सवाल उठ रहे थे। इसको लेकर सियासत भी खूब हो रही थी। इसी बीच शिक्षा विभाग ने शिक्षकों का वेतन निर्धारण कर प्रस्ताव सरकार के पास भेज दिया था। पहले से ही उम्मीद जताई जा रही थी कि आज होने वाली कैबिनेट की बैठक में उसपर मुहर लग जाएगी और सरकार ने शिक्षक बहाली से जुड़े प्रस्ताव पर अपनी स्वीकृति दे दी। नीतीश कैबिनेट ने नई शिक्षक बहाली नियमावली पर मुहर लगाते हुए बड़ी संख्या में शिक्षकों के पद का सृजन कर दिया है।
बिहार सरकार की नई शिक्षक बहाली नियमावली के तहत पंचायत प्रारंभिक शिक्षक/नगर प्रारंभिक शिक्षक के मूल कोटि के 39758 पद, जिला संवर्ग के मूल कोटि के 40185 पद, विशेष शिक्षक के लिए पंचायत प्रारंभिक शिक्षक/नगर प्रारंभिक शिक्षक के मूल कोटि और स्नातक कोटि के 5534 एवं 1745 सृजित पद को प्रत्यर्पित करते हुए कक्षा 1 से 5वीं तक के लिए शिक्षा विभाग के नियंत्रणाधीन विद्यालय अध्यापक के मूल कोटि के 85477 पद एवं वर्ग 6 से 8वीं तक के लिए विशेष अध्यापक के स्नातक कोटि के लिए 1745 पदों के सृजन को स्वीकृति दी है जबकि 9वीं, 10वीं और ग्यारहवीं बारहवीं के लिए कुल 90804 पदों के सृजन पर स्वीकृति की मिली है।
बीपीएससी की परीक्षा पास कर बहाल हुए शिक्षकों का सरकार ने वेतन निर्धारण कर दिया है। कक्षा 1-5 तक के शिक्षकों को 25 हजार, कक्षा 6-8 तक के शिक्षकों को 28 हजार, कक्षा 9-10 के शिक्षकों को 31 हजार और कक्षा 11 से 12 के शिक्षकों को 32 हजार रुपए मूल वेतन देगी। इसके अलावा राज्यकर्मियों को मिलने वाले अन्य वेतन भत्ते भी शिक्षकों को मिलेंगे।
बता दें कि शिक्षक बहाली की नई नियामावली के मुताबिक अब टीईटी, एसटीईटी पास अभ्यर्थियों को BPSC द्वारा आयोजित परीक्षा को पास करना होगा। शिक्षक संगठनों और अभ्यर्थियों के लाख विरोध के बावजूद सरकार ने इसपर कोई ध्यान नहीं दिया है। अब बीपीएससी जल्द ही शिक्षकों की बहाली प्रक्रिया शुरू कर देगा। हालांकि शिक्षक संघ ने इसे शिक्षकों के साथ छलावा बताया है और सरकार के फैसले का विरोध जताने का एलान कर दिया है।