राजधानी पटना में अब डीजल ऑटो नहीं दिखेगा। सरकार ने डीजल से चलने वाले ऑटो के परिचालन पर रोक लगा दी है। वही मुजफ्फरपुर और गया में 15 साल पुरानी टैक्सी, ट्रक और बस पर भी बैन लगाया गया है। 01 अक्टूबर से गया और मुजफ्फऱपुर में सभी तरह के कमर्शियल वाहनों पर रोक लगेगी। 15 साल पुरानी गाड़ियों का फिर से रजिस्ट्रेशन नहीं होगा।
वही 30 सितंबर से डीजल से चलने वाली ऑटो पर भी रोक लगाई जाएगी। मंगलवार को नीतीश कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया। बिहार सरकार ने बढ़ते वायू प्रदूषण को लेकर यह फैसला लिया है। वही सरकार ने बिहार में 1 लाख 78 हजार से अधिक शिक्षकों की बहाली का फैसला लिया है। नीतीश कैबिनेट ने शिक्षक नियमावली 2023 पर अपनी मुहर लगा दी है। इसके बाद बीपीएससी के माध्यम से बिहार में शिक्षकों की बहाली का रास्ता साफ हो गया है।
दरअसल, बिहार में सातवें चरण की शिक्षक बहाली को लेकर लगातार सवाल उठ रहे थे। इसको लेकर सियासत भी खूब हो रही थी। इसी बीच शिक्षा विभाग ने शिक्षकों का वेतन निर्धारण कर प्रस्ताव सरकार के पास भेज दिया था। पहले से ही उम्मीद जताई जा रही थी कि आज होने वाली कैबिनेट की बैठक में उसपर मुहर लग जाएगी और सरकार ने शिक्षक बहाली से जुड़े प्रस्ताव पर अपनी स्वीकृति दे दी। नीतीश कैबिनेट ने नई शिक्षक बहाली नियमावली पर मुहर लगाते हुए बड़ी संख्या में शिक्षकों के पद का सृजन कर दिया है।
बिहार सरकार की नई शिक्षक बहाली नियमावली के तहत पंचायत प्रारंभिक शिक्षक/नगर प्रारंभिक शिक्षक के मूल कोटि के 39758 पद, जिला संवर्ग के मूल कोटि के 40185 पद, विशेष शिक्षक के लिए पंचायत प्रारंभिक शिक्षक/नगर प्रारंभिक शिक्षक के मूल कोटि और स्नातक कोटि के 5534 एवं 1745 सृजित पद को प्रत्यर्पित करते हुए कक्षा 1 से 5वीं तक के लिए शिक्षा विभाग के नियंत्रणाधीन विद्यालय अध्यापक के मूल कोटि के 85477 पद एवं वर्ग 6 से 8वीं तक के लिए विशेष अध्यापक के स्नातक कोटि के लिए 1745 पदों के सृजन को स्वीकृति दी है जबकि 9वीं, 10वीं और ग्यारहवीं बारहवीं के लिए कुल 90804 पदों के सृजन पर स्वीकृति की मिली है।
बीपीएससी की परीक्षा पास कर बहाल हुए शिक्षकों का सरकार ने वेतन निर्धारण कर दिया है। कक्षा 1-5 तक के शिक्षकों को 25 हजार, कक्षा 6-8 तक के शिक्षकों को 28 हजार, कक्षा 9-10 के शिक्षकों को 31 हजार और कक्षा 11 से 12 के शिक्षकों को 32 हजार रुपए मूल वेतन देगी। इसके अलावा राज्यकर्मियों को मिलने वाले अन्य वेतन भत्ते भी शिक्षकों को मिलेंगे।
बता दें कि शिक्षक बहाली की नई नियामावली के मुताबिक अब टीईटी, एसटीईटी पास अभ्यर्थियों को BPSC द्वारा आयोजित परीक्षा को पास करना होगा। शिक्षक संगठनों और अभ्यर्थियों के लाख विरोध के बावजूद सरकार ने इसपर कोई ध्यान नहीं दिया है। अब बीपीएससी जल्द ही शिक्षकों की बहाली प्रक्रिया शुरू कर देगा। हालांकि शिक्षक संघ ने इसे शिक्षकों के साथ छलावा बताया है और सरकार के फैसले का विरोध जताने का एलान कर दिया है।
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